नई दिल्ली: 73 साल में ऐसा पहली बार हुआ है, कि अरब देशों (Arab Countries) में पाकिस्तान (Pakistan) को एक विलेन के तौर पर देखा जा रहा है जबकि हिंदुस्तान (India) आज अरब मुल्कों के बीच एक हीरो की तरह बन चुका है. इस वक्त पाकिस्तान में सऊदी अरब और यूएई को लेकर खबरें खूब गर्म हैं. जानकार दावा कर रहे हैं, कि सऊदी अरब, पाकिस्तान के साथ दुश्मन मुल्क की तरह सलूक कर रहा है. 


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सऊदी अरब में होंगे हिंदुस्तान के फौजी अड्डे, पाकिस्तान में अरब मातम!


आज कल पाकिस्तान की, अरब मुल्कों में ये हालत हो गई है, कि सऊदी अरब और यूएई जैसे अरब देशपाकिस्तान को एक ऐसा 'जिद्दी भिखारी' समझने लगे हैं, जो बेशर्मी से लगातार भीख मांगता रहता है. यहां तक कि पाकिस्तान अरबों डॉलर का कर्ज चुकाने में भी आनाकानी करने की कोशिश कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ सऊदी अरब और यूएई भारत के साथ व्यापार और रक्षा सौदों को लेकर बहुत आगे बढ़ चुके हैं. 



इस वक्त सऊदी अरब और यूएई में हिंदुस्तान की हैसियत का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि ये दोनों देश भारत से सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 'ब्रह्मोस' खरीदने की इच्छा जता चुके हैं. खबरें तो यहां तक आ रही है कि भारत, बहुत जल्द सऊदी अरब में अपने फौजी अड्डे बना सकता है और सऊदी अरब की फौज को ट्रेनिंग और घातक हथियार बेच सकता है. अरब देशों में भारत की पकड़ जिस तरह से मजबूत हो रही है, उसे लेकर पाकिस्तानी मीडिया में इस वक्त 'अरब मातम' मनाया जा रहा है. 


अरब मातम का सबसे ताजा उदाहरण, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी हैं जिन्होंने संयुक्त अरब अमीरात यानि यूएई की राजधानी अबू धाबी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की जिसमें उन्होंने दावा किया, कि भारत, पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक करने की योजना बना रहा है. शाह महमूद कुरैशी ने खुफिया इनपुट के हवाले से यहां तक कहा, कि भारत की सर्जिकल स्ट्राइक से निपटने के लिए पाकिस्तान की फौज, हाई-अलर्ट कर दी गई है. अब सवाल उठता है, कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस तरह के सनसनीखेज दावा करने के लिए, अरब मुल्क यूएई की राजधानी अबू-धाबी को ही क्यों चुना?


एक्सपर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने ऐसा इसलिए किया, ताकि अरब की धरती से दुनिया में भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा फैलाया जा सके, और पाकिस्तान को भारत से पीड़ित दिखाया जा सके, इसीलिए विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भारत के खिलाफ इंग्लिश में बयान दिया, ताकि पूरी दुनिया उनके बयान को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाए, लेकिन अफसोस, शाह महमूद कुरैशी के इस बयान को यूएई के सबसे मशहूर अखबार 'खलीज टाइम्स' तक ने जगह नहीं दी, आप इसी से अंदाजा लगा सकते हैं, कि यूएई में पाकिस्तान की क्या हैसियत बची है. 


अब बात करते हैं, कि पाकिस्तान मीडिया में भारत की अरब मुल्कों से दोस्ती और पाकिस्तान से दूरियों पर क्या 'अरब मातम' मनाया जा रहा है? पाकिस्तान के सबसे युवा और तेज-तर्रार ब्लॉगर और यू-ट्यूबर हस्तियों में से एक एडिटर नज़म उल हसन बाजवा का साफ कहना है कि सऊदी अरब अब पाकिस्तान का दुश्मन बन चुका है, और इस वक्त पाकिस्तान को सऊदी अरब से उतना ही खतरा पैदा हो गया है जितना भारत से है.



''जो भाइयों जैसा दोस्त था या भाई था,  जिसे हम बड़ा भाई मानते रहे हैं.  इसका नाम है सऊदी अरेबिया  और इस वक्त पाकिस्तान को सबसे ज्यादा खतरा इसी सऊदी अरेबिया से है. 
खतरा इससे इस तरह से है, कुछ दुश्मन ऐसे होते हैं. जो कि सामने-सामने नजर आ जाता है कि ये हमारा दुश्मन है. लेकिन कुछ दोस्त ऐसे होते हैं जो किसी दोस्त की सूरत में आपके सामने मौजूद होते हैं
लेकिन अंदर ही अंदर वो आपको नुकसान पहुंचा रहे होते हैं''


पाकिस्तान का दुश्मन सऊदी अरब 


पाकिस्तानी मीडिया की ये सोच साफ दिखाती है, कि पाकिस्तान खुद को अरब मुल्कों में कितना अलग-थलग महसूस कर रहा है. भारत अरब मुल्कों में एक हीरो, वफादार और भरोसेमंद दोस्त के रूप में जगह बना चुका है. 73 साल में पहली बार किसी भारतीय सेना प्रमुख ने सऊदी अरब का दौरा किया है. 


भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे, 9 दिसंबर से 14 दिसंबर 2020 तक सऊदी अरब और यूएई के दौरे पर रहे, भारतीय आर्मी चीफ का ये दौरा, पाकिस्तान के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रहा है.


आर्मी चीफ जरनल नरवणे ने सऊदी अरब के टॉप जनरलों से मुलाकात की, जिसमें सऊदी अरब के कमांडर ऑफ रॉयल सऊदी लैंड फोर्सेस जनरल फहद बिन अब्दुल्ला मोहम्मद अल मुतीर, चीफ ऑफ जनरल स्टाफ फैयाद बिन हामिद अल रूवाइली और संयुक्त बलों के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मुतलाक बिन सलीम शामिल थे इसके अलावा आर्मी चीफ जनरल नरवणे ने किंग अब्दुल्ला अजीज सैन्य अकादमी का दौरा भी किया था और सऊदी सशस्त्र बल, स्टॉफ कॉलेज, नेशनल यूनिवर्सिटी का भी दौरा किया था.


पाकिस्तानी जनरल को भगाएगा सऊदी अरब!


भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे के सऊदी अरब और यूएई के दौरे से, पाकिस्तान के रिटायर्ड आर्मी चीफ जनरल राहिल शरीफ का सऊदी अरब से पत्ता कट सकता है. पाकिस्तान के रिटायर्ड आर्मी चीफ जनरल राहिल शरीफ, इस वक्त सऊदी अरब की राजधानी रियाद में आतंकवाद के खिलाफ, 39 मु्स्लिम देशों के सैन्य संगठन 'इस्लामिक काउंटर टेररिजम कोलिशन' के चीफ हैं लेकिन अब जानकार मानकर चल रहे हैं कि पाकिस्तान के रिटायर्ड आर्मी चीफ जनरल राहिल शरीफ को सऊदी अरब 'इस्लामिक काउंटर टेररिजम कोलिशन' के चीफ के पद से हटा सकता है और भारतीय सेना को इससे जुड़ी बड़ी जिम्मेदारी दे सकता है.



 अगर ऐसा होता है, तो फिर तय है, कि सऊदी अरब के रॉयल पैलेस में तैनात पाकिस्तानी सैनिकों को हटा दिया जाएगा, जो 80 के दशक से सऊदी अरब में तैनात हैं कुल मिलाकर आर्मी चीफ जनरल नरवणे का सऊदी अरब और यूएई का दौरा, पाकिस्तान के लिए पहेली से ज्यादा परेशानी बन चुका है,
भारत में पाकिस्तान के हाई-कमिश्नर रहे अब्दुल बासित का साफ कहना है, कि ऐसा लगता है कि अरब देशों में पाकिस्तान का हुक्का-पानी बंद हो गया है. 


''भारत के विदेश मंत्री के बाद भारत के सेना प्रमुख का यूएई और सऊदी अरब दौरा करना, खाड़ी के देशों को लेकर भारत की आक्रामक विदेश नीति का हिस्सा है हो सकता है, कि आने वाले दिनों में सऊदी अरब, यूएई और भारत साक्षा सैन्य अभ्यास करें भारत ने बेहतरीन तरीके से खाड़ी के देशों में अपनी विदेश नीति को आगे बढ़ाया है. इस वक्त खाड़ी देशों में करीब 90 लाख भारतीय काम कर रहे हैं और हर साल भारत से इन देशों से कामगार 48 अरब डॉलर भेजते हैं"



अब्दुल बासित आगे कहते हैं ''ये छोटी रकम नहीं है पाकिस्तान का जो पूरा निर्यात है वो महज 20-21 अरब डॉलर है. भारत ने खाड़ी के देशों को लेकर बहुत ही रणनीतिक तरीके से काम किया है, हमें इस पर अब सोचने की ज़रूरत है कि हम क्या कर रहे हैं, अगर यही हालत रही तो हम फिर इन देशों में दफा हो जाएंगे हमारे रिश्ते सऊदी अरब और यूएई से कितने गहरे रहे हैं, यूएई ने तो पाकिस्तानियों के लिए वीज़ा देना बंद कर दिया. पिछले चार महीने से यूएई में हमारा कोई राजदूत नहीं हैं, इसी से पता चलता है, कि हम कितने बेफ़िक्र हैं''


भारत में पाकिस्तान के हाई-कमिश्नर रहे अब्दुल बासित का ये खुलासा साफ दिखाता है, कि मोदी सरकार की अरब क्रांति रंग ला रही है जबकि पाकिस्तान, सऊदी अरब के लिए बोझ बनता जा रहा है
अरब देश, हिंदुस्तान से राजनीति, कूटनीति और रणनीति के स्तर पर एक से बढ़कर एक बड़े फैसले ले रहे हैं. दुनिया में भारत के बाद सऊदी अरब सबसे ज्यादा हथियार खरीदता है, अभी तक पाकिस्तान का लिहाज करने के चक्कर में सऊदी अरब, भारत से घातक हथियार नहीं खरीदता था, लेकिन अब भारत ने समीकरण पूरी तरह से बदल दिए हैं.


सऊदी अरब, भारत की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल 'ब्रह्मोस' खरीदने के लिए बिल्कुल तैयार बैठा है इसके अलावा सऊदी अरब और यूएई, रक्षा क्षेत्र में भारत के साथ बड़ा व्यापारिक साझेदार बनना चाहते हैं अरब देशों में मोदी सरकार की कूटनीति कमाल का काम कर रही है. सऊदी अरब और यूएई दोनों ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सर्वोच्च सम्मान दे चुके हैं. जबकि पाकिस्तान के खिलाफ यूएई और सऊदी अरब दोनों ही जरूरत से ज्यादा सख्त होते जा रहे हैं यूएई ने पाकिस्तानियों को वीज़ा देने पर पाबंदी लगा दी है. 


जबकि सऊदी अरब 3 अरब डॉलर का कर्ज, पाकिस्तान से वसूलने के लिए लगातार दबाव बन चुका है. पाकिस्तान को चीन से भारी रेट ऑफ इंटरेस्ट पर दो अरब डॉलर का कर्ज लेकर सऊदी अरब को देना पड़ा है. अभी 1 अरब डॉलर का कर्ज सऊदी अरब को और देना है जबकि साढ़े तीन अरब डॉलर का कर्ज जो तेल-गेस आपूर्ति के तौर पर पाकिस्तान को दिया गया था वो भी सऊदी अरब, पाकिस्तान से वसूलने की तैयारी करने लगा है. 


यानि कुल मिलाकर एक झटके में सऊदी अरब, पाकिस्तान से साढ़े छह अरब डॉलर का कर्ज वसूल रहा है इस कर्ज वसूली ने पाकिस्तान की कमर तोड़-कर रख दी है. या ये कहें, कि पाकिस्तान को भिखारी बना दिया है, और चीन इसका पूरा फायदा उठा रहा है ऐसा लग रहा है, कि पाकिस्तान, चीन से इतना ज्यादा कर्ज ले लेगा, कि पाकिस्तान कर्ज चुकाते-चुकाते किस्तों में बिक जाएगा. 


जब से मोदी सरकार ने मिशन अरब शुरू किया है तब से अरब मुल्कों से भारत के संबंध ऐतिहासिक रुप से नई ऊंचाईयों पर पहुंच चुके हैं जबकि पाकिस्तान ने तुर्की और मलेशिया के साथ मिलकर सऊदी की अगुवाई वाले इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के बराबर मुस्लिम देशों का एक नया गुट बनाने की कोशिश की, जिससे सऊदी अरब बेहद नाराज है. कुल मिलाकर अरब देशों में भारत की छवि एक हीरो, वफादार और भरोसमंद देश की बन चुकी है जबकि पाकिस्तान, सऊदी अरब की नजरो में विलेन, गद्दार, मतलबी और भिखारी साबित होता जा रहा है. 


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