क्या फांसी और कुलभूषण जाधव के बीच हैं बस चार दिन?
साफ तौर पर केवल चार दिन बचे हैं कुलभूषण जाधव के पास अपनी फांसी के खिलाफ रिविव्यू पिटीशन फाइल करने के लिये. इस फ्रन्ट पर भी पाकिस्तान अपनी बदतमीजी से बाज नहीं आ रहा है. कुलभूषण जाधव मामले में उसने न केवल इंटरनैशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के फैसले को खारिज कर दिया है बल्कि वियना कन्वेंशन की भी परवाह नहीं की है..
नई दिल्ली. कुलभूषण जाधव मामले में पाकिस्तान ने लगातार दो गलत काम किये हैं - पहले तो दबाव में लेकर कुलभूषण जाधव से मनचाहा बयान दिलवाया और फिर अनफेयर ट्रायल करके जाधव को मौत की सजा भी सुना दी. पाकिस्तान इस फैसले के विरुद्ध अपील रोकने के लिए हर घटिया काम कर रहा है. और अब इस रिविव्यू पिटीशन के लिये जाधव के पास बचे हैं केवल चार दिन.
पाकिस्तान का फिर झूठा दावा
पाकिस्तान का नापाक दावा सामने आया है कि पाकिस्तानी अदालत में मौत की सजा पाये कुलभूषण जाधव इस फैसले के खिलाफ अपील ही नहीं करना चाहते हैं. अब इस कारण जाधव को बचाने के भारत के विकल्प सीमित हो गये हैं और उसकी चुनौतियां बढ़ गई हैं.
चार दिन बाकी हैं रिविव्यू पिटीशन के
बीस जुलाई को रिविव्यू पिटीशन दाखिल करने की अंतिम तिथि है. इस तरह अब पाकिस्तान के नापाक शिकंजे से कुलभूषण जाधव का बचना मुश्किल होता जा रहा है. जासूसी के झूठे आरोप में मौत की सजा पाए कुलभूषण जाधव केस में पाकिस्तान ने फिर वही पुरानी चाल चली है और दबाव डालकर जाधव से मनमाफिक बयान ले लिया है.
आईसीजे का फैसला नहीं माना
पाकिस्तान ने इन्टरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस के फैसले को कोई तवज्जो नहीं दी है. पिछले दिनों आईसीजे में कुलभूषण के मामले में भारत के हाथों पाकिस्तान को शर्मनाक शिकस्त झेलनी पड़ी थी और वहां भी पाकिस्तान को इस फांसी की सजा पर रोक लगाने और इस फैसले पर फिर से विचार का आदेश दिया गया था, जिसको पाकिस्तान ने सुना-अनसुना करके साफ तौर पर नकार दिया है.
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