नई दिल्ली: Bangladesh Political Crisis: बांग्लादेश में पूर्व पीएम शेख हसीना के देश छोड़ने और मुहम्मद युनुस के नेतृत्व में नई अंतरिम सरकार बनने के बाद से भारत के साथ रिश्तों में खटास बढ़ रही है. समय-समय पर वहां की नई सरकार भारत के खिलाफ जहर उगलने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. वहीं अब उन्होंने प्रसिद्धा हिल्सा मछली के एक्सपोर्ट पर बैन लगाने का फैसला किया है. 


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हिल्सा मछली के निर्यात पर बैन 
भारत के पश्चिम बंगाल में दुर्गापूजा बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है. अगले महीने अक्टूबर में यह त्योहार आने वाला है. बता दें कि दुर्गापूजा के मौके पर बंगाली भद्रलोक परिवारों में हिल्सा मछली खाने की परंपरा है. यहां पर इस मछली के पकवानों का खूब चलन है. वहीं दुर्गापूजा के मौके पर ज्यादातर संभ्रांत मछली खाई जाती है. 


हजारों में बिकती है मछली 
वैसे तो हिल्सा मछली भारत के पश्चिम बंगाल में हुग्ली नदी में भी पाई जाती है, लेकिन बांग्लादेशी हिल्सा मछली दुनिया में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है. यह बांग्लादेश में गंगा की सहायक नदी पद्मा में पाई जाती है. बता दें कि भारतीय बाजारों में 1 से 1.5 किलों की यह बांग्लादेशी हिल्सा मछली करीब 2 हजार रुपये तक में बिकती है. शेख हसीना की सरकार में दुर्गापूजा के मौके पर भारत में बांग्लादेश से करीब 4 हजार टन हिल्सा मछली आती थी.  


प्रतिबंध के पीछे का तर्क 
बांग्लादेश ने हिल्सा मछली के निर्यात पर प्रतिबंध के पीछे तर्क दिया है कि उनके देश में इस मछली की कीमत आसामन छू रही है. ग्लादेश में मछलीपालन विभाग के सलाहकार फरीदा अख्तर ने कहा कि उनके देश में हिल्सा मछली की कीमत इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि उन्हें इस पर बैन लगाना जरूरी समझा, हालांकि मछली पर प्रतिबंध लगने पर बांग्लादेश में इसकी कीमत में गिरावट आएगी, जिससे मछुआरों की कमाई पर काफी असर पड़ेगा.


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