नई दिल्ली.  अमेरिका के ऊर्जा विभाग द्वारा मीडिया को यह जानकारी दी गई है जिसके अनुसार विभाग पर साइबर हमला हुआ है. प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बताया गया है कि यह न केवल ऊर्जा विभाग पर होने वाला सबसे बड़ा साइबर हमला है, बल्कि यह अमेरिकी सरकार के किसी भी विभाग पर हुआ अब तक का सबसे बड़ा हमला भी माना जा सकता है.


परमाणु  हथियारों से जुड़ा है विभाग 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अमेरिकन ऊर्जा विभाग अमेरिका के परमाणु हथियारों से संबंधित है. अमेरिकी सेना के परमाणु हथियारों 
 की देखरेख की जिम्मेदारी इसी विभाग को दी गई है. मीडिया द्वारा पूछने पर विभाग के प्रतिनिधि ने बताया कि सैन्य हथियारों के भंडार की सुरक्षा पर इस हैकिंग का कोई असर नहीं देखा गया है. 


रूस का हाथ होने की आशंका 


हालांकि इस साइबर हमले को लेकर विभागीय जांच अभी चल रही है इसलिए किसी भी निष्कर्ष पर अभी पहुंचा नहीं जा सकता किन्तु विशेषज्ञों का मानना है कि ये साइबर हमले की पीछे रूस का हाथ हो सकता है जबकि रूस की तरफ से आई त्वरित प्रतिक्रिया में कहा गया है कि हमारा इस हमले से कोई लेनादेना नहीं है. 


एक माह से चल रहा था साइबर हमला 


अमेरिका के ख़ज़ाना एवं वाणिज्य विभाग को साइबर हमले की जानकारी बीते रविवार 13 दिसंबर को मिली थी. विभाग के प्रतिनिधि ने प्रेस वार्ता में बताया कि यह साइबर हमला लगभग एक माह से चल रहा था जो कि पिछले रविवार को पता चल पाया है. 


ये भी पढ़ें. मोदी के खौफ से रोता इमरानसर्जिकल स्ट्राइक के डर में पाकिस्तान


माइक्रोसॉफ्ट को भी बनाया निशाना 


अमेरिका पर पूरी योजना के साथ ये साइबर हमले किये जा रहे हैं. पिछले कई महीनों से विभिन्न अमेरिकी विभागों से इस तरह की जानकारी मिल रही है. अब ऊर्जा विभाग पर हुए इस हमले के साथ ही ग्लोबल टेक कम्पनी माइक्रोसॉफ्ट ने भी बताया कि उस पर भी इसी तरह के हमले की कोशिश हुई है और दो दिन पहले ही कंपनी के सिस्टम में एक ख़तरनाक सॉफ्टवेयर मिला है.


ये भी पढ़ें. Afghanistan में भीषण धमाका, 11 बच्चों की दर्दनाक मौत


देश और दुनिया की हर एक खबर अलग नजरिए के साथ और लाइव टीवी होगा आपकी मुट्ठी में. डाउनलोड करिए ज़ी हिंदुस्तान ऐप, जो


 आपको हर हलचल से खबरदार रखेगा... नीचे के लिंक्स पर क्लिक करके डाउनलोड करें-


Android Link - https://play.google.com/store/apps/details?id=com.zeenews.hindustan&hl=en_IN