नई दिल्लीः पाकिस्तान में संकट से घिरे प्रधानमंत्री इमरान खान को लेकर पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने कहा कि इमरान खान ने बहुमत खो दिया है. शाहबाज शरीफ जल्द ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनेंगे.


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कौन हैं शाहबाज शरीफ
शाहबाज शरीफ पूर्व पीएम नवाज शरीफ के भाई हैं. साल 2018 में हुए आम चुनाव में पीएमएल-एन ने शाहबाज को पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया था. हालांकि, इस चुनाव में इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ ने जीत हासिल की थी. वहीं, शाहबाज को विपक्ष का नेता चुना गया था. शाहबाज तीन बार पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सीएम रह चुके हैं.


इमरान की कुर्सी है खतरे में
दरअसल, पाकिस्तानी पीएम इमरान खान की कुर्सी संकट में दिखाई दे रही है. उनके खिलाफ विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाया है. इससे पहले इमरान ने बुधवार को संघीय कैबिनेट का विशेष सत्र बुलाया था. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सत्ताधारी गठबंधन के सदस्य दल एमक्यूएम-पी के दो मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है. मंत्रियों ने इस्तीफा अपनी पार्टी के इस ऐलान के बाद दिया कि वह प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ लाये गये अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी.


सरकार द्वारा संचालित ‘रेडियो पाकिस्तान’ की रिपोर्ट के मुताबिक एक विशेष बुलावे पर सहयोगी दलों के प्रमुख भी कैबिनेट के विशेष सत्र में भाग लेंगे, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री इमरान खान करेंगे. 


सूत्रों के मुताबिक, विशेष सत्र में मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के सांसदों को निचले सदन में अपने पक्ष में करने के मकसद से मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की जाएगी. निचले सदन में एमक्यूएम-पी के पास सात सांसद हैं, जबकि बीएपी के पास पांच सांसद हैं. 


'सरकार गिराने के पीछे विदेशी साजिश'
कैबिनेट सदस्यों और आमंत्रित अन्य लोगों को खतरे से संबंधित उस पत्र पर भी भरोसे में लिया जायेगा, जिसके बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उनकी सरकार गिराने की ‘विदेशी साजिश’ का सबूत है. पत्र दिखाने की मांग को लेकर बढ़ते दबाव के बीच इमरान ने इसके पहले कहा कि वे शुक्रवार को पार्टी की शक्ति का प्रदर्शन करने वाली रैली में इस पत्र को दिखाएंगे. 


इस बीच गृह मंत्री शेख राशिद ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान शाम को ताजा राजनीतिक हालात के मद्देनजर भरोसा हासिल करने के लिए देश को संबोधित कर सकते हैं , लेकिन इस बारे में अभी कोई ऐलान नहीं किया गया है. 


बता दें कि पाकिस्तान में गत आठ मार्च को नेशनल असेंबली में विपक्ष दलों की ओर से संयुक्त रूप से अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद राजनीतिक अस्थिरता उत्पन्न हो गई. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए नेशनल असेंबली के सत्र का आयोजन बृहस्पतिवार को होगा. इमरान खान को सरकार बचाने के लिए 342 सदस्यीय संसद (नेशनल असेंबली) में 172 मत की जरूरत पड़ेगी.


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