नई दिल्ली: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से कोरोना जैसी महामारी पर कदम उठाए हैं. उससे भारत जैसी बड़ी जनसंख्या वाली देश की स्थिति अन्य देशों की तुलना में काफी बेहतर बताई जा रही है.


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अमेरिकी राष्ट्रपति ने जहां भारतीय प्रधानमंत्री मोदी की तारीफों की पुल बांधी वहीं ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो ने भी मोदी को राष्ट्र के नाम संबोधन में धन्यवाद कहा. इससे पहले भी बोलसोनारो ने पत्र लिखकर भी मोदी को शुक्रिया कहा था. 



WHO भी मोदी द्वारा किए जाने वाले प्रयासों के लिए उनकी तारीफ की थी. इसके अलावा निर्वासन में रह रहे गुलाम कश्मीर (PoK) और गिलगित बल्टिस्तान के नेताओं ने भी कोरोना की जंग लड़ने के लिए मोदी द्वारा किए गए प्रयासं की सराहना की. ग्लासगो में रहने वाले पीओके के एक राजनीतिक नेता डॉ. अमजद अयूब मिर्जा ने कहा मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि 'यह एक बहुत ही सराहनीय कार्य है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए 'जनता कर्फ्यू' की घोषणा की. मोदी के नेतृत्व पर गौर करना चाहिए.'


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बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने SAARC देशों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोरोना से निपटने पर भी चर्चा करते हुए रणनीति बनाने पर पहल की थी. और कोरोना जैसे महामारी से निपटने के लिए मिलकर काम करने की बात कही थी. जिस पहल से दक्षिण एशियाई देशों के नेता उनके मुरीद होकर न सिर्फ सहमति दी थी, बल्कि इस शुरुआत के लिए उनकी तारीफ भी की थी.


रामायण के साथ ईसा मसीह का पत्र लिखकर बोलसोनारो ने किया था जिक्र
दरअसल बोलसोनारो ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति की मांग के लिए भारत के पीएम नरेंद्र मोदी को मंगलवार को पत्र लिखा था. जिसमें रामायण के एक प्रसंग का भी जिक्र किया गया था. इसमें बोलसोनारो ने लिखा था कि जैसे हनुमानजी ने भगवान श्री राम के भाई लक्ष्मण की जान बचाने के लिए दवा लेकर आए थे और ईसा मसीह ने बीमार लोगों को ठीक किया था वैसे ही भारत और ब्राजील भी साथ मिलकर इस महामारी से निजात पा सकते हैं.