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नई दिल्ली.  जहां दुनिया में कई बड़े आयोजन कोरोना के खतरे को देखते हुए रद्द किये जा रहे हैं, दुनिया का सबसे बड़ा खेल मेला अभी भी मैदान में डटा हुआ है और अपने आयोजन को ले कर विश्वास बनाये हुए है. टोक्यो ओलम्पिक के शुभारम्भ हेतु  में कोरोना वायरस के आतंक के बीच ओलंपिक की मशाल को प्रदीप्त किया गया. यद्यपि कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को ध्यान में रख कर इस समारोह में किसी को शामिल होने की अनुमति नहीं थी. 



 


ओलम्पिया में प्रज्वलित हुई मशाल 


परम्परा के अनुसार प्राचीन ओलंपिया में ओलम्पिक की लौ प्रज्वलित की गई. 12 मार्च को दोपहर के 12.10 पर ग्रीस अभिनेत्री जांथी जियोर्जियोउ के हाथों इस औपचारिकता की पूर्ती की गई.  जांथी ने प्राचीन ग्रीक हाई प्रीस्टेस की भूमिका अदा करते हुए कॉन्केव मिरर के माध्यम से सूर्य की किरणों को आकर्षित कर ओलम्पिक मशाल की लौ को प्रज्जवलित किया. 


समारोह में लोग शामिल नहीं हुए 


कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के कारण इस समारोह में किसी को शामिल होने की इजाजत नहीं थी. इसलिए अभिनेत्री झांथी के अतिरिक्त आयोजकों ने ही इस विशेष औपचारिकता को पूर्ण किया. अब यहां से यह लौ आठ दिनों तक ग्रीस की यात्रा करेगी और फिर अंत में मशाल को टोक्यो ओलम्पिक 2020 के आयोजकों को सौंप दिया जाएगा. 



 


मशाल-यात्रा 19 मार्च को 


मशाल यात्रा का समारोह 19 मार्च को पानाथेनिएक स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा. यह वही स्थान है जहां पहला आधुनिक ओलंपिक खेला गया था. यहां से मशाल का सफर शुरू होगा और पूरी दुनिया का सफर तय करते हुए ये मशाल जुलाई में जापान पहुंचेगी. जापान की राजधनाऐ टोक्यो में  24 जुलाई से 9 अगस्त तक ओलंपिक खेलों का आयोजन किया जायेगा. यह आयोजन इसके पहले जापान में 1964 में भी हुआ था. 


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