नई दिल्ली.   चीन ने धोखे से भारतीय जवानों पर हमला करने की योजना बनाई थी और उस योजना को ही अंजाम देने के लिए मार्शल आर्टिस्ट भेजे थे सीमा पर. लेकिन परिणाम क्या हुआ? परिणाम उलटा हुआ, धोखा देने वाले और योजना बना कर हमला करने वाले बुरी तरह पिटे और बिहार रेजिमेंट के जवानों ने उनका मार्शल आर्ट वहीं ठोंक डाला था..


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सैनिकों को दी गई थी ट्रेनिंग


ये सारी जानकारी चीन के मीडिया से बाहर आई है. चीन का मीडिया बता रहा है कि 15 जून को गलवान हिसंक झड़प से पहले चीन ने अपने सैनिकों को प्रशिक्षण दिया था. चीन ने अपनी सीमा पर तैनात सेना के जवानों को मार्शल आर्ट सिखाने के लिए मार्शल आर्टिस्ट और एक्सपर्ट माउंटेन क्लाइंबर भेजे थे. इन लोगों में तिब्बत के एक मार्शल आर्ट क्लब के लड़ाके भी शामिल थे. चीन के मीडिया ने ये भी बताया कि चीनी सैनिकों को फुर्तीला बनाने के लिए इन लोगों को भेजा गया था.


मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण हुआ तिब्बत में 


'चाइना नेशनल डिफेंस न्यूज' चीन का मिलिट्री न्यूजपेपर है. इस न्यूज़ पेपर के अनुसार तिब्बत की राजधानी ल्हासा में चीन सरकार द्वारा पांच मिलिशिया डिवीजन नियुक्त किये गए थे. इनमें माउंट एवरेस्ट टॉर्च रिले टीम के पुराने मेंबर और मार्शल आर्ट क्लब के लड़ाके शामिल थे. माउंट एवरेस्ट टॉर्च रिले टीम के लोगों को पहाड़ों पर काम करने की टैनिंग मिली होती है और मार्शल आर्टिस्ट खतरनाक किस्म के लड़ाके होते हैं.


फाइट क्लब से जोड़ा है बौनों को 


चीनी सेना के तिब्बत स्थित कमांडर वांग हाईजियांग ने बताया कि चीनी सैनिकों को फाइट क्लब से योजनाबद्ध तरीके से जोड़ा जा रहा है ताकि सैनिकों की ताकत और तुरंत जवाब देने की क्षमता बढ़ सके.


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