नई दिल्ली: कोरोना काल में दुनिया के सबसे बड़े विलेन बन चुके चीन के बारे में अब तक आपने कई खुलासे के बारे में पढ़ा और देखा होगा. चीन की कई साज़िशों का सच जाना होगा. लेकिन, क्या आप ये जानते हैं कि कोरोना काल की तरह आज से 31 साल पहले भी चीन ने बहुत बड़े नरसंहार को अंजाम दिया था.


आदत से मजबूर है चालबाज चीन


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क्या आपको ये पता है कि कोरोना वायरस पर चीन सच मानने से अब तक इंकार क्यों कर रहा है? क्या आप ये जानते हैं कि आखिर चीन क्यों कोरोना संक्रमण से हुई मौत के आंकड़े बताना नहीं चाहता? आखिर क्या है मौत, महामारी और नरसंहार पर चीन का सबसे बड़ा सच?


31 साल बाद भी नहीं सुधरा 'ड्रैगन'


चीन 31 साल बाद दुनिया के सामने फिर उसी तरह खड़ा है. आज से 31 साल पहले चीन में सुधारवादी छवि के कम्युनिस्ट नेता हू याओबांग की मौत हुई थी. उसके बाद Beijing के Tiananmen Square (टियानैनमन स्क्वैयर) पर करीब एक लाख छात्र इकट्ठा हुए थे. चीन की सेना ने प्रदर्शनकारियों पर टैंक चढ़ा दिये और नरसंहार के बाद मौत के आंकडे भी छिपा लिये.


चीन को महामारी पर झूठ बोलने की आदत


ठीक वैसे ही जैसे आज कोरोना वायरस फैलाने के बाद उसने वुहान में किया. पूरी दुनिया से झूठ बोला. क्या आप ये जानते हैं चीन की इन हरकतों के लिए कौन जिम्मेदार है. असल जिम्मेदार तो चीन की आदत है. क्योंकि, झूठ बोलना, नरसंहार करना और सच छिपाना चीन की पुरानी आदत है.


चीन को नरसंहार का सच छिपाने की आदत


ये आदत आज की नहीं है, सालों पुरानी है. जिस तरह चीन के वुहान में कोरोना वायरस से हुई मौत पर जिनपिंग सरकार झूठ बोलती रही ठीक उसी तरह आज से 31 साल पहले बीजिंग के  Tiananmen Square (टियानैनमन स्क्वैयर) में हुए नरसंहार पर भी चीन ने झूठ बोला था.


उस वक्त चीन के प्रदर्शनकारी छात्रों के खिलाफ हुई सैन्य कार्रवाई में 3000 से ज्यादा लोग मारे गए थे. लेकिन चीन की सरकार ने सिर्फ 300 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की. ठीक उसी तरह जैसे आज चीन कह रहा है कि कोरोना संक्रमण से वुहान में 3 हजार 869 लोगों की मौत हुई. वो भी नये आंकड़े जोड़ने के बाद, जबकि दुनिया के कई एक्सपर्ट ये दावा कर रहे हैं कि वुहान में इससे कई गुना ज्यादा लोग संक्रमण से मारे गए.


मौत के आंकड़े पर चीन ने मारी पलटी


आपको बता दें, चीन ने वुहान में पहले 2 हज़ार 579 लोगों के मारे जाने की बात ही कबूली थी लेकिन अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद अचानक उसने मौत के आंकड़ों में करीब 50 प्रतिशत का इजाफा कर दिया.


चीन ने जिस तरह Tiananmen Square पर हुए नरसंहार के सबूतों को एक-एक कर मिटाने की कोशिश की. उसी तरह आज वो कोरोना वायरस पर सबूत मिटाने की साज़िश में जुटा है.


अब आपको महामारी फैलाने वाली चीन की 5 गलतियां बताते हैं. 


1. चीन ने कोरोना को दुनिया से छिपाया
2. इंसान से इंसान में संक्रमण की बात नहीं मानी
3. संक्रमण के 7 हफ्ते बाद वुहान को लॉकडाउन किया
4. कोरोना फैलने के बाद भी सख्त एक्शन नहीं
5. एक्शन की जगह दुनिया से सच छिपाता रहा


एक अमेरिकी न्यूज चैनल ने ये दावा किया कि कोरोना वायरस वुहान की लैब से ही फैला है. लेकिन, चीन इस दावे की सत्यता जांचने की इजाजत देने के बजाय उसे खारिज कर रहा है यानी सच छिपा रहा है.


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चीन के सच छिपाने की पुरानी आदत की वजह से ही आज कोरोना वायरस सबसे बड़ी महामारी बन चुका है और पूरी दुनिया इस वायरस की चपेट में है.


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