नई दिल्ली: चीन पूरी दुनिया से सच छिपाने में माहिर है, खासकर तब उस सच से चीन की दुनियाभर में बदनामी हो रही हो. अभी कोरोना वायरस पर भी चीन दुनिया से सच छिपाने की कोशिश कर रहा है. दरअसल, पूरी दुनिया को इस बात पर शक है कि चीन ने कोरोना से मौत का आंकड़ा बताया है वो सही नहीं है.


कोरोना से मौत का आंकड़ा छिपा रहा है चीन?


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पिछले महीने चीन की कंपनी टेनसेंट की एक रिपोर्ट लीक हुई थी, जिसमें कोरोना से मरने वालों की संख्या 24 हजार 589 बताई गई थी. लीक रिपोर्ट में 1 लाख 54 हजार लोगों के संक्रमित होने का दावा किया गया था, जबकि संदिग्ध मरीजों की संख्या 79 हजार 808 बताई गई थी.


चीन की कंपनी की ये रिपोर्ट सरकारी आंकड़ों से 10 गुना ज्यादा थी. इस डाटा के लीक होते ही सोशल मीडिया पर अटकलें तेज हैं कि चीनी कंपनी टेनसेंट दो तरीके के डेटा रख रही है. एक... मरने और प्रभावित लोगों का असली डेटा और दूसरा... सरकार द्वारा 'स्वीकृत' डेटा.


 



तो क्या गलती से लीक हो गया था असली डाटा?


वहीं कुछ लोगों का अनुमान है कि कोडिंग की गड़बड़ी की वजह से टेनसेंट का यह असली डेटा ऑनलाइन लीक हो गया. जबकि कुछ लोगों का मानना है कि टेनसेंट में काम करने वाले किसी आदमी ने जानबूझकर असली डेटा लीक किया है ताकि दुनिया को चीन में कोरोना की सच्चाई और वहां के हालात का पता चल सके.


हालांकि, इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के कुछ समय बाद कंपनी ने अपने आंकड़े बदल दिए और नया सरकारी आंकड़ा जारी कर दिया गया. एक और रिपोर्ट ने चीन की चोरी और चालाकी को उजागर किया है.


कोरोना वायरस से मरने वालों को जला रहा है चीन?


क्या कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या छिपाने के लिए शवों को जला रहा है चीन? ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि जिस वुहान शहर में कोरोना वायरस का आतंक है. पिछले महीने उसकी सैटेलाइट तस्वीर भी सामने आई थी. 



इस सैटेलाइट तस्वीर में आग के बड़े गोले के रूप में सल्फर डाई आक्साइड गैस दिख रही थी. वैज्ञानिकों के मुताबिक मेडिकल वेस्ट या बहुत ज्यादा संख्या में शवों को जलाने से सल्फर डाई ऑक्साइड निकलती है. वुहान की सैटेलाइट तस्वीर में सल्फर डाई आक्साइड का धुंआ जितना बड़ा दिखाई दिया. उतना करीब 14,000 शवों को जलाने पर निकलता है.


हालांकि, चीन में शवों को जलाने की परंपरा नहीं है. लेकिन आशंक जताई जा रही है कि दुनिया से मौत का आंकड़ा छिपाने के लिए चीन शवों को सामूहिक तौर पर जला रहा है और इसीलिए वुहान शहर के आसमान में सल्फर गैस की इतनी ज्यादा मात्रा दिख रही थी.


 



चीन में 5 लाख लोग कोरोना वायरस की चपेट में?


अलग-अलग देशों और संस्थाओं की रिपोर्ट से चीन की सच्चाई की परतें खुल रही हैं. लंदन की एक संस्था, लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन ऐंड ट्रॉपिकल मेडिसिन ने पिछले दिनों कोरोना वायरस पर एक रिपोर्ट पेश की थी. रिपोर्ट के मुताबिक वुहान में संक्रमण के कारण 5 लाख से ज्यादा लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ सकते है.


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चीन का वुहान शहर लॉक डाउन है. वहां न तो कोई जा सकता है और न ही वहां से कोई आ सकता है. वुहान से वो ही आंकड़े सामने आ रहे हैं जो चीन सरकार चाहती है. वुहान से वही वीडियो आ रहे हैं, जिन्हें चीन की सरकार दुनिया को दिखाना चाहती है. कोरोना से मौत के सही आंकड़े चीन की सरकार दुनिया के सामने लाएगी ये कहना बहुत मुश्किल है.


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