नई दिल्ली: चीन (china) की ज़मीन हड़पो नीति अब उस पर भारी पड़ रही है. अंतर्राष्ट्रीय घेराबंदी और भारत (India) के खिलाफ मुंह की खाने के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi jinping) बौखला गए हैं.जले पर नमक का काम किया है ताइवान (Taiwan) ने. अमेरिका से ताइवान को मिल रहे आधुनिक हथियारों से चीन और तिलमिला गया है. 


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शी जिनपिंग ने पूरी दुनिया को युद्ध (World war 3) की धमकी दे दी है. लेकिन एक कहावत है विनाश काले विपरीत बुद्धि, कुछ ऐसा ही हाल चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग का भी हो गया है.


जिनपिंग का 'भस्मासुर' प्लान   


इस पर भी शी जिनपिंग अपनी ही टशन में हैं और चीन को बर्बाद करने पर तुले हैं.चीन ने लद्दाख़ (Laddakh) में भारत को आंख दिखाई तो भारत ने वहां चीन की घेराबंदी कर उसके हौसले पस्त कर दिए.अब चीन ने ताइवान को घातक हथियार देने की तैयारी कर रहे अमेरिका को भी देख लेने की धमकी दी है.इन सब के बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपने सैनिकों को युद्ध के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं.



चीन का भारत के साथ साथ अमेरिका और ताइवान के साथ तनाव उबाल पर है.ऐसे वक्त में राष्ट्रपति शी जिनपिंग का युद्ध की तैयारी का एलान खुले तौर पर अमेरिका और भारत को एक बड़ी धमकी है. लेकिन ये उसके विनाश का कारण भी बन सकता है.


चीन की टेंशन ताइवान 


अमेरिका और भारत के साथ चल रहे तनाव के बीच चीन के राष्‍ट्रपति शी जिनपिंग गुआंगडोंग इलाके का दौरा किया और सेना के एक अड्डे पर मरीन सैनिकों को युद्ध के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए.ज़ाहिर है शी जिनपिंग का ये बयान उनकी बौखलाहट दिखाता है.दबाव बनाने के लिए एकबार फिर चीन अपनी पुरानी चाल चल रहा है.लेकिन इस बार उसकी ये चाल उस पर भारी पड़ सकती है.हालांकि एक्सपर्ट्स मानते हैं कि भारत की मौजूदा ताकत और तैयारी देखते हुए भारत के खिलाफ चीन जंग नहीं छेड़ सकता. चीन की बौखलाहट ताइवान को लेकर ज़्यादा है.



रक्षा विशेषज्ञ पीके सहगल का कहना है कि ताइवान चीन की वन चाइना पॉलिसी पर सीधा हमला कर रहा है जिससे वो चोट खाए सांप की तरह ताइवान को काट खाने को तैयार है लेकिन उसके रास्ते में अमेरिका खड़ा है.
अगर चीन ने ताइवान पर हमला किया तो तय है कि ताइवान के पक्ष में अमेरिका जरूर खड़ा रहेगा.ऐसे में साउथ चाइना सी महायुद्ध का सबसे बड़ा मैदान बन सकता है.इसीलिए शी जिनपिंग मरीन सैनिकों को युद्ध के लिए तैयार करवा रहे है. शी जिनपिंग ने मरीन सैनिकों को अपनी तैयारी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं.


अमेरिका ने दबाई चीन की दुखती रग 'तिब्बत' 


चीन ने अमेरिका को आंख दिखाई तो उसने चीन की गीदड़ भभकी को नज़रअंदाज करते हुए ताइवान के बाद चीन की एक और दुखती रग तिब्बत पर भी हाथ रख दिया है.ट्रंप प्रशासन ने सहायक सचिव रॉबर्ट ए डेस्ट्रो को तिब्बती मुद्दों के लिए विशेष सचिव के तौर पर नॉमिनेट कर चीन को और तनाव दे दिया है.



रॉबर्ट ए डेस्ट्रो तिब्बती क्षेत्र में चीन के मानवाधिकार उल्लंघन और तिब्बती लोगों की समस्याओं पर बारीकी से नजर रखेंगे.साफ है चीन की बौखलाहट अभी और बढ़ने वाली है और बौखलाए चीन ने अगर भारत या अमेरिका के सहयोगी देशों के ख़िलाफ़ युद्ध जैसा कोई कदम उठाया तो चीन को उसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी.


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