नई दिल्ली.  दरअसल हुआ ये था कि अमेरिका से हाल ही में बयान आया था जिसके केंद्र में CPEC था अर्थात चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे पर अमेरिका ने एक बयान दिया था जिसको सुनकर चीन को लगा कि अमेरिका पाकिस्तान जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण देश से उसके रिश्ते खराब करने की कोशिश कर रहा है. यहां इस बयान में डू मोर की बात का उल्लेख करके चीन ने दुनिया के सामने साफ कर दिया है कि उसे पाकिस्तान के आतंकी चेहरे से कोई परेशानी नहीं है.


 एलिस वेल्स ने दिया था बयान 


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हाल ही में अमेरिकन राजनयिक एलिस वेल्स ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे को लेकर एक बयान जारी किया था. इस बयान पर चीन ने कड़ी आपत्ति जताई थी और इसे एक गैर-जिम्मेदाराना बयान बताया था. इस बयान को लेकर चीन का कहना है कि अमेरिका ने चीन और पाकिस्तान के संबंधों को खराब करने की कोशिश की थी जो कि नाकाम रही है.  


पाकिस्तान ने भी दी प्रतिक्रिया 


एलिस वेल्स के बयान पर जब चीन ने आपत्ति जताई तो छोटे भाई पाकिस्तान को भी अपनी जिम्मेदारी याद आई. इमरानी सरकार ने तुरंत एलिस वेल्स के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दे डाली और कहा किसी को भी सीपीईसी को लेकर कोई गलतफहमी नहीं रहनी चाहिए. पाकिस्तान को इस परियोजना से फायदा पहुंचा है. 


चीनी दूतावास ने जारी किया बयान 


पाकिस्तान स्थित चीनी दूतावास ने वेल्स के बयान पर अपना बयान जारी किया है. इस बयान में कहा गया है कि पहले भी देखा गया है कि एलिस वेल्स ऐसी ही आधारहीन बातें करती हैं. ख़ास बात जो चीन ने पाकिस्तान को खुश करने के लिए कही वो ये थी कि -हम पाकिस्तान को बराबर का भागीदार मानते हुए उनसे 'डू मोर' की मांग नहीं करते हैं.


'डू मोर' है आतंक के खिलाफ काम करने की अपेक्षा


यहां यह बात जाननी अहम है कि उपरोक्त बयान दे कर चीन ने पाकिस्तान के आतंकिस्तानी चरित्र को समर्थन दिया है. डू मोर वह अपेक्षा है जो अमेरिका ने पाकिस्तान से की है और इसका अर्थ है कि आतंकवाद को अपने देश में समाप्त करने के लिए और अधिक प्रयास कीजिये. 


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