नई दिल्ली.  कमाई का एक बड़ा जरिया निकल जाएगा चीन के हाथ से. अमरीका ने ये धमकी नहीं दी है बल्कि वह ऐसा करने जा रहा है जिसके बाद डॉलर सिस्टम से चीन बाहर हो जाएगा. ये आर्थिक तौर पर चीन के लिए अब एक और  बड़ी वैश्विक आर्थिक चोट साबित होगी. 



 


बाहर करेंगे या सीमित करेंगे


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कोरोना के आरोपी चीन पर अमेरिका दोनों तरह के कदम उठा सकता है. अमेरिका से बिगड़ते रिश्तोंपर चीन ने भी कोई परवाह करने वाले कदम नहीं उठाये हैं जिसके कारण बात लगातार बिगड़ती जा रही है. अब अमेरिका चीन को नई परेशानी में डालने वाला है, वह चीन को या तो यूएस डॉलर सिस्टम (SWIFT) से बाहर निकाल देगा या फिर चीन की पहुँच को सीमित कर देगा. चीनी मीडिया में चर्चा है कि शी जिनपिंग और उसके साथी इस खबर के बाद तनावग्रस्त हो गए हैं. 


क्या है ये स्विफ्ट 


स्विफ्ट अर्थात सोसायटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनैंशल टेलिकॉम्युनिकेशन. यह एक ऐसा वैश्विक आर्थिक नेटवर्क है जिसका उपयोग दुनिया के देशों के बैंक अपने वित्तीय लेनदेन की जानकारी लेने-देने के लिए करते हैं. स्विफ्ट उस अहम वैश्विक इन्फ्रास्ट्रक्चर का हिस्सा है जिसकी वजह से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और निवेश में अमेरिकी डॉलर की भूमिका महत्वपूर्ण रहती है. 


यह है एक वैश्विक पेमेन्ट सिस्टम


स्विफ्ट मूल रूप से एक वैश्वकि पेमेन्ट का नेटवर्क है.  वैश्विक रूप से दुनिया के देशों के बैंक अमेरिकी बैंकों के संवाद-संपर्क में रहते हैं और इसके माध्यम से ही वे अमेरिकी डॉलर ट्रांसजेक्शन करते हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय इस पेमेंट सिस्टम के माध्यम से अमेरिकी बैंकों को किसी व्यक्ति, संस्था या देशों से लेनदेन रोकने का आदेश दे सकता है. और यही वो कारण है जिसका डर चीन को अब सता रहा है.


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