नई दिल्ली: वो कहावत है न, "विनाश काले-विपरीत बुद्धि" चीन का भी विनाश काल आता दिखाई देने लगा है. इस वक्त ड्रैगन के उपर रामधारी सिंह दिनकर जी की कविता बिल्कुल सटीक बैठती दिख रही है. "जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है". हम ऐसा क्यों कह रहे हैं इसके पीछे की वजह बताते हैं.


क्या चीन कर रहा है युद्ध की तैयारी?


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कोरोना वायरस पर पूरी दुनिया का गुनहगार चीन अपने अलग ही नशे में चूर हो गया है. अपने गुनाहों को छिपाने के लिए वो तरह-तरह के हथकंडे अपनाता रहा है. लेकिन इस बीच जो जानकारी सामने आई उससे ये समझना आसान हो जाता है कि चीन की बेचैनी युद्ध को लेकर बढ़ती ही जा रही है. भारत के साथ तनाव और कोरोना महामारी को लेकर अमेरिका से गतिरोध के बीच चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने बड़ा बयान दिया है, जिनपिंग ने सेना को निर्देश दिया कि वो सैनिकों की ट्रेनिंग को मजबूत करें और युद्ध के लिए तैयार रहें.


किसी-किसके साथ युद्ध करेगा चीन?


सबसे बड़ा सवाल तो यही है कि वो चीन जो दुनिया का दुश्मन बनने के लिए फड़फड़ा रहा है. वो आखिरकार किस-किसके साथ जंग लड़ेगा? चीन इस फिराक में है कि वो जल्द से जल्द तीसरे विश्वयुद्ध का आगाज कर दे. उसकी गतिविधियां इस बात की पुष्टि करती भी दिखाई दे रही हैं. लेकिन, चीन इस बात को भूल गया है कि उसकी एक छोटी सी भी गुस्ताखी उसे भारी कीमत चुकाने के लिए मजबूर कर देगा.


'एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी'


इस बात को तो हर कोई जानता है कि चीन आदत से मजबूर है. एक तो चोरी ऊपर से सीना जोरी दिखाना उसकी फितरत है. चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी सेना को युद्ध की तैयारी करने के निर्देश दिए हैं. मंगलवार यानी 26 फरवरी को सेंट्रल मिलिट्री कमीशन की बैठक में जिनपिंग ने अपनी घुड़कीबाजी के बारे में बाकायदा प्लानिंग की.


इस दौरान जिनपिंग ने फरमान जारी कर दिया है कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैनिकों के ट्रेनिंग को बड़े स्तर पर बढ़ाया जाए और सेना को युद्ध यानी जंग के लिए तैयार किया जाए. जिनपिंग के इस नसीहत से ये समझना आसान हो जाता है कि चीन की मंशा किसी बड़े गु्स्ताखी को अंजाम देने की है.


इस दौरान शी जिनपिंग ने ये भी कहा कि सबसे खराब स्थिति की कल्पना करें, उसके बारे में सोचे और युद्ध के लिए अपनी तैयारियां और ट्रेनिंग बढ़ाए, जिससे आने वाली सभी बड़ी से बड़ी मुश्किल परिस्थितियों में कारगर तरीके से निपटा जा सके. साथ ही पूरी दृढ़ता के साथ राष्ट्रीय सम्प्रभुता, सुरक्षा और विकास संबंधी हितों की रक्षा करें'


क्या है चीन का नया 'वार गेम'?


चालबाज चीन की इस नई चाल को इस बात से समझा जा सकता है कि कैसे वो वार गेम की प्लानिंग कर रहा है. लेकिन, आखिरकार वो किसके खिलाफ युद्ध की प्लानिंग कर रहा है कि ये वाकई बहुत बड़ा सवाल है. वो इसलिए क्योंकि जिनपिंग ने अपने इस बयान में ताइवान और भारत की सीम पर गरमाते मुद्दा का जिक्र किया है. बॉर्डर पर चीन की गतिविधियां किसी से छिपी नहीं है. भारत की तरफ से निर्माण कार्य होता देख चीन के पेट में दर्द उठ रहा है. तो क्या चीन भारत के खिलाफ मोर्चा खोलने की तैयारी कर रहा है?


ड्रैगन के खिलाफ अमेरिका का चक्रव्यूह 


लद्दाख में भारत के साथ विवाद खड़ा करने पर अमेरिका ने खुलकर भारत का समर्थन किया और चीन पर उकसावे वाली कार्रवाई का आरोप लगाया. वहीं हांगकांग नया कानून लाने पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दे चुके हैं. इसके अलावा ताइवान की राष्ट्रपति को बधाई देकर अमेरिका ये साफ कर चुका है वो ताइवान को चीन का हिस्सा नहीं मानता.


ऑस्ट्रेलिया के साथ खड़ा है सुपरपावर अमेरिका


इस वक्त चीन का भारत के साथ साथ दुनिया के कई देशों से विवाद चल रहा है. अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के साथृसाथ ताइवान और वियतनाम जैसे देश भी चीन के निशाने पर हैं. कोरोना वायरस महामारी पर चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच भी तनाव चरम पर है. अब इसमें अमेरिका भी कूद पड़ा है, ट्रंप प्रशासन ने ऑस्ट्रेलिया में 1200 यूएस मरीन कमांडो टीम के तैनाती को हरी झंडी दे दी है. माना जा रहा है कि साउथ चाइना सी में अमेरिका के इस कदम से तनाव और गहरा सकता है.


इसके पीछे की वजह आपको समझाते हैं, चीन और ऑस्ट्रेलिया के बीच विवाद इतना बढ़ गया है कि हाल ही में चीन ने ऑस्ट्रेलिया को अमेरिका का पालतू कुत्ता तक कह दिया था. जिसके बाद ऑस्ट्रेलियाई प्रशासन ने कड़ी नाराजगी जताई थी.


चीन के राष्ट्रपति ने अपने भाषण में अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव का भी जिक्र किया. ताइवान के नेताओं के साथ बातचीत और डिप्लोमेसी को बढ़ाने की भी बात कही और साथ ही जरूरत पड़ने पर ताइवान के खिलाफ बल प्रयोग का भी इशारा दिया, हांगकांग को लेकर भी जिनपिंग ने नए कानून से लोकतंत्र समर्थक आंदोलनकारियों पर नकेल कसने की भी चेतावनी दे डाली है.


अमेरिका का बीच में कूदना क्यों जरूरी?


भारत और ताइवान की सीमा पर चीन की हरकतों से ये संकेत मिल रहे हैं कि चीन ने इस बात का मन बना लिया है कि जंग का आगाज होगा. चीन ने ताइवान की ओर दो विमानवाही पोतों को रवाना किया है. ऐसे में चाइना के इस गतिविधि से ताइवान पर हमले की आशंका काफी बढ़ गई है. जिससे अमेरिका और चीन के रिश्तों में तनाव का बढ़ना भी लाजमी है.


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यहां चीन को अपने दिमाग में ये अच्छी तरह से बिठा लेना चाहिए कि उसकी एक भी गुस्ताखी के लिए चौतरफा पिटाई होनी तय है. ताइवान, ऑस्ट्रेलिया, भारत और अमेरिका उसकी ऐसी कुटाई करेंगे की उसकी बर्बादी निश्चित हो जाएगी.


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