नई दिल्ली.  लद्दाख की गलवान घाटी में पंद्रह जून की रात को हुई हिंसक झड़प में चीन के 43 जवानों के मारे जाने की खबर है. चीन का कमांडिंग ऑफीसर भी इस झड़प में मारा गया है. हालांकि चीन का ये बयान दुनिया के लिए अपने अच्छे चेहरे का दिखावा भी हो सकता है और भारत से पैदा हुए डर का मुजाहिरा भी.  चीनी विदेश मंत्रालय ने बयान दिया है कि अब हम और ज्यादा झड़प नहीं चाहते.


चीन ने भारत को ठहराया जिम्मेदार


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पंद्रह जून की रात की खुनी मुठभेड़ चीनी सैनिकों के द्वारा किये गए धोखेबाजी वाले हमले का परिणाम थी. किन्तु चीन ने अपने मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के माध्यम से इसका जिम्मेदार भारतीय सैनिकों को ठहराया. चीन ने कहा कि भारतीय सैनिकों ने चीनी सीमा के भीतर घुस कर चीन के सैनिकों को उकसाया जिसके कारण ये झड़प हुई.


झाओ लिजियान का आया बयान


झाओ लीजियान चीन के विदेश मंत्रालय का प्रवक्ता है. लिजियान ने विदेश मंत्रालय के मंच से बयान जारी करके भारत को चीन सरकार का संदेश दिया है और कहा है कि चीन अब और ऐसी झड़प नहीं चाहता. हालांकि प्रवक्ता ने आगे कहा कि गलवान घाटी क्षेत्र की संप्रभुता हमेशा चीन से जुड़ी रही है, चीन नहीं चाहता कि आगे किसी भी तरह की झड़प हो.


चीन ने जताई बातचीत की मंशा


अपने प्रवक्ता के माध्यम से चीन ने एक तरफ तो झड़पों के न होने की बात कह कर शान्ति दूत बनने की नौटंकी की और दूसरी तरफ गलवान घाटी पर अपना दावा भी ठोंक दिया. इतना ही नहीं जो झड़प जबरिया थी और धोखे से भारतीय जवानों पर चीनी सैनिकों का हमला थी, उसके लिए भारतीय जवानों को जिम्मेदार ठहराते हुए ये भी कहा- भारतीय जवानों ने पार की थी सीमा इसलिए हुई है ये झड़प. किन्तु चीन चाहता है कि बातचीत से इस मसले का समाधान किया जाए.


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