कोरोना से डर कर भारत से मदद की पाकिस्तानी उम्मीद
जब दिया रंज बुतों ने तो खुदा याद आया. ये कहावत एक बेशर्म और बददिमाग पड़ौसी पर पूरी फिट बैठती है. बेशर्म और बददिमाग पड़ौसी कहने के बाद पाकिस्तान का नाम लेने की ज़रूरत नहीं होती. अब कोरोना ने ढाया सितम तो भारत याद आया मदद के लिए..
नई दिल्ली. इसे कहते हैं थूक के चाटना. भारत के खिलाफ आतंकवाद की फैक्ट्री चलाने वाले पाकिस्तान को कोरोना ने सद्बुद्धि नहीं दी है, कोरोना के डर ने भारत के कदमों में गिरने की मजबूरी पैदा कर दी है. अब कोरोना से जान बचाने के लिए घबराये हुए पाकिस्तान ने कहा है कि वह भारत के साथ मिलकर कोरोना के खिलाफ जंग लड़ना चाहता है.
कोरोना के बीस मामले आये सामने
हालांकि पाकिस्तान में कोरोना ने अपना विकराल रूप अभी नहीं दिखाया है. अभी तक पाकिस्तान में बीस कोरोना मामलों की जानकारी सामने आई है और अब तक एक भी कोरोना मौत भी नहीं हुई है. लेकिन दुनिया में अब तक 100 से अधिक देशों में फैल चुका कोरोना वायरस पाकिस्तान की जान हलक में लाने को काफी है. गरीबी की मार से जूझता यह जिहादी देश पहले ही चलने की हालत में नहीं है. ऐसे में अगर कोरोना ने इसकी गर्दन दबोच ली तो फिर पाकिस्तान पूरा ही लेट जाएगा.
डब्ल्यूएचओ ने बढ़ाई पाकिस्तान की घबराहट
फिर ज्यों ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना को महामारी घोषित किया तो उससे पाकिस्तान की घबराहट और बढ़ गई. अब पाकिस्तान ने अपरोक्ष रूप से कहा है कि वह कोरोना से लड़ने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करना चाहता है. सार्क के मंच से वैसे भी भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदस्य देशों के लिए कोरोना के खिलाफ हरसम्भव मदद का ऐलान कर दिया है.
भारत से है बहुत उम्मीद
सार्क देशों में पाकिस्तान भी शामिल है. सार्क देशों का एकमेव नेता भारत है जो कि इस संगठन के सभी देशों की मदद के लिए सदा ही तत्पर रहता है. कोरोना की मार से बुरी तरह पिटे घमंडी देश चीन की भी भारत ने हाल में ही अरबों रुपये की दवाइयों से मदद की है और चीन से कुछ देशों के नागरिकों को भी बाहर निकाला है. इसलिए पाकिस्तान को भारत की इस इंसानी सोच से इतनी ज्यादा उम्मीद है कि उसे लग रहा है कि भारत उसके सात खून माफ़ करके कोरोना के खिलाफ उसकी मदद करने को तैयार हो जाएगा,
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