नई दिल्ली. लक्ज़री कार कम्पनी बीएमडब्ल्यू पर भी कोरोना की बुरी नज़र पड़ गई है.  जर्मनी की इस टॉप क्लास कार निर्माता कंपनी ने फैसला कर लिया है कि वह अपने कर्मचारियों को समय से पहले सेवानिवृत्ति देगी और उनसे मुक्ति पा लेगी. 


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छह हजार कर्मचारी निकाले जा रहे हैं


अब तक किसी और कार कंपनी में कोरोना की एन्ट्री नहीं हुई है. सीधे बीएमडब्ल्यू पर पड़ी है कोरोना की टेढ़ी नजर. कोरोना महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन से पैदा हुए आर्थिक हालात से निपटने के लिए बीएमडब्ल्यू कंपनी ने ये फैसला किया है. और अब इस फैसले का कार्यान्वयन भी प्रारंभ हो रहा है और कंपनी के छह हजार कर्मचारी समय से पहले सेवानिवृत्ति देकर बाहर किये जाने वाले हैं.


लॉकडाउन ने पैदा की छंटनी की हालत


जर्मनी के फ्रैंकफर्ट शहर में स्थित बीएमडब्ल्यू की कंपनी से चल कर आई इस खबर की वजह बनी है कोरोना महामारी. संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिये सारी दुनिया में लॉकडाउन लगाना पड़ा है जिसके कारण बाजार में कारोबारी गतिविधियां रुक गईं और उससे मांग में जोरदार कमी आने लगी है.  इस कारण उत्पादन कम करने हेतु बीएमडब्ल्यू को कर्मचारियों की छंटनी करनी पड़ रही है.



 


पूरी ऑटो इंडस्‍ट्री हो गई है समस्याग्रस्त


अकेले बीएमडब्ल्यू ही नहीं दुनिया की लगभग सारी ऑटो इन्डस्ट्री ठंडे बाजार की शिकार हो गई है. लॉकडाउन ने बाजार को ठंडा कर दिया है और इस मजबूरी के कारण कर्मचारियों को समय से पहले सेवानिवृत्ति और टर्नओवर के जरिये  नौकरियां समाप्त की जा रही हैं. बीएमडब्ल्यू  ने कहा है कि उसके इस फैसले पर कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने अपनी सहमति दे दी है.


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