नई दिल्ली. नाक के जरिये उपयोग में लाये जाने वाले एक टीके में एक पदार्थ मिलाये जाने के बाद इससे चूहे में कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के प्रति एक मजबूत प्रतिरोधक क्षमता पाई गई. एक अध्ययन में यह दावा किया गया है. इन पदार्थों की मौजूदगी वाले कई टीके उपलब्ध हैं, जो टीके की प्रभावकारिता को बढ़ाते हैं.


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मिशिगन विश्वविद्यालय और अमेरिका के माउंट सिनाई स्थित इकान स्कूल ऑफ मेडिसीन के शोधार्थियों द्वारा किये गए अध्ययन में यह पाया गया है कि सार्स-कोवि-2 के प्रसार को ऊपरी श्वसन तंत्र में प्रवेश बिंदु पर रोकने में टीकों की क्षमता को बेहतर किया जा सकता है. उनके टीका प्रोटोकॉल में तेल और जल की एक सूक्ष्म बूंद के समान एक पदार्थ ‘नौनोइमल्सन’, और एक आरएनए आधारित अणु को शामिल किया गया.


कैसे काम करता है नौनोइमल्सन
एनपीजे वैक्सीन पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि आरएनए पदार्थ कोशिका के अंदर मार्ग तैयार करता है, जबकि सूक्ष्म बूंद के समान पदार्थ इसे कोशिका के अंदर ले जाता है. इस टीके का परीक्षण कर शोधार्थियों ने चूहे में बढ़ी हुई एंटीबॉडी और टी सेल प्रतिक्रिया का पता लगाया.


क्या बोले रिसर्चर
मिशिगन विश्वविद्यालय मेडिकल स्कूल की सहायक प्रध्यापक पामेला वोंग ने कहा, ‘इसका मतलब है कि आप सक्रिय वायरस को नौनोइमल्सन के साथ मिला सकते हैं और यह कठिन रासायनिक पद्धति का उपयोग किये बगैर इसे (वायरस को) निष्क्रिय कर सकता है.’ 


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