लंदन: पश्चिम अफ्रीकी देश गांबिया ने यूनाइटेड किंगडम और यूरोपीय देशों की उम्रदराज महिलाओं को चेतावनी दी है. देश के टूरिजम बोर्ड के डायरेक्टर अबू बकर कमारा ने कहा है कि हम बेहतर सैलानी चाहते हैं. दरअसल बीते सालों में गांबिया में यूनाइटेड किंगडम और अन्य यूरोपीय देशों की उम्रदराज महिलाओं की आमद बढ़ी है. ज्यादातर महिलाएं यहां पर कम उम्र युवाओं के साथ छुट्टिया एंजॉय करने आती हैं. यही कारण है कि गांबिया की छवि सेक्स हॉटस्पॉट के रूप में बनती जा रही है जिसे लेकर वहां का प्रशासन चिंतित है. 


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'सिर्फ सेक्स के लिए यहां आने वालों का स्वागत नहीं'
डेली मेल में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक अबू बकर का कहना है-हम चाहते हैं कि बेहतर सैलानी आएं. सैलानियों को देश की संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता देखने आना चाहिए. हम ऐसे सैलानियों का स्वागत करते हैं लेकिन उनका नहीं जो सिर्फ सेक्स के लिए यहां आ रहे हैं.'


अधिकारियों को दिए विशेष आदेश
इसी क्रम में अधिकारियों को विशेष आदेश दिए गए हैं कि देश में मौजूद वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स और वन्य जनजीवन के बारे में सैलानियों को प्रमुखता से बताया जाए. गांबिया पहले ब्रिटिश उपनिवेश रह चुका है. 1990 के दशक में यहां पर सेक्स टूरिज्म में एकाएक बढ़ोतरी आई थी. डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक देश की छवि ऐसी बनती गई कि कम उम्र के अश्वेत युवा यहां औने-पौने दाम पर मौजूद हैं और ब्रिटिश-यूरोपीय महिलाओं इनमें से किसी को भी चुन सकती हैं. गांबिया में ऐसे युवाओं को टॉय बॉयज (Toy Boys) या बम्सटर (Bumsters) कहते हैं. 


क्यों फल-फूल रही यह इंडस्ट्री?
विदेशी महिलाओं के साथ इन टॉय बॉयज के रिलेशनशिप की खबरें भी प्रकाश में आई हैं. दरअसल बेरोजगारी से जूझ रहे देश में ऐसे संबंधों से मिलने वाली वित्तीय मदद भी इस इंडस्ट्री को फलने-फूलने में मदद कर रही है. हालांकि इसी के साथ कई तरह की मुश्किलें और अपराधों ने भी जन्म लिया...जैसे प्यार में धोखा, वीजा स्कैम और बहु विवाह.


टॉय बॉयज पर भी कार्रवाई की तैयारी!
गांबिया सरकार अब अपने देश के इन टॉय बॉयज पर भी कार्रवाई की तैयारी कर रही है. बता दें कि गांबिया में सेक्स टूरिजम को लेकर फैले हुए जाल पर एक डॉक्यूमेंट्री भी बनाई जा चुकी है जिसका नाम है-सेक्स ऑन द बीच. ब्रिटिश पत्रकार सेयी रोड्स ने इस डॉक्यूमेंट्री के लिए लंबे समय तक मेहनत की थी. 


सर्दियों के मौसम में पहुंचती हैं ज्यादातर महिलाएं
बता दें कि ज्यादातर ब्रिटिश और यूरोपीय महिलाएं सर्दियों के मौसम में टूरिजम पैकेज के तहत गांबिया की यात्रा करती हैं. गांबिया की अर्थव्यवस्था में टूरिजम एक बड़ा रोल प्ले करता है. देश की कुल जीडीपी का करीब 20 फीसदी हिस्सा टूरिजम से ही जुड़ा हुआ है.


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