पाक राष्ट्रपति भवन में महिला एक्टिविस्ट का शोषण

मारिया का उत्पीड़न करने की कोशिश करने वाला अफसर ये भी भूल गया कि वो राष्ट्रपति की खास मेहमान हैं. सफेद भवन के भीतर अफसर की काली करतूत बेपर्दा तब हुई जब खुद मारिया ने अपने ट्वीटर हैंडल पर पूरी आपबीती सुनाई.

Written by - Sandeep Singh | Last Updated : Nov 12, 2020, 01:21 PM IST
  • पाक राष्ट्रपति भवन के प्रोटोकॉल अधिकारी ने मारिया के साथ बदतमीजी की
  • खुद मारिया ने अपने ट्वीटर हैंडल पर पूरी आपबीती सुनाई.
पाक राष्ट्रपति भवन में महिला एक्टिविस्ट का शोषण

नई दिल्लीः महिला एक्टिविस्ट मारिया इकबाल तराना पाकिस्तान में महिलाओं के आत्म सम्मान, स्वाभिमान और महिलाओं की ढाल समझी जाती हैं. मारिया ने सपने में भी नहीं सोचा था कि राष्ट्रपति भवन जैसी बेहद महफूज जगह पर भी महिलाओं का शोषण होगा, वो भी खुद उन्हीं के साथ. पाक राष्ट्रपति भवन के प्रोटोकॉल अधिकारी ने मारिया के साथ बदतमीजी की सारी हदें पार कर दी.

मारिया का उत्पीड़न करने की कोशिश करने वाला अफसर ये भी भूल गया कि वो राष्ट्रपति की खास मेहमान हैं. सफेद भवन के भीतर अफसर की काली करतूत बेपर्दा तब हुई जब खुद मारिया ने अपने ट्वीटर हैंडल पर पूरी आपबीती सुनाई.

मारिया की कहानी-उनकी जुबानी
"आज हमें राष्ट्रपति भवन में बुलाया गया था. जहां फायनेंशियल एक्सपो चल रहा था. एक्सपो शुरू होने से पहले जब हम लोग सीट पर बैठे थे. हॉल में खामोशी थी. तभी मुझे महसूस हुआ कि कोई पीछे से आके कान के पास कुछ फुसफुसाने लगा. पहले तो मुझे ये फीलिंग ही बहुत अनकम्फर्टेबल थी कि भई ये अचानक से कौन इतने करीब आकर बात करने की कोशिश कर रहा है. 

यह कहा मारिया ने
अचानक से कहने लगा कि आप झूठी हैं.  यहां पर कुर्सियां खाली थीं तो हमने आपको बैठने की इजाजत दी. मुझे आघात लगा, फिर मैने लोगों से पूछा कि मैं इसी कहां शिकायत दर्ज कराऊं क्योंकि ये मुझसे बदतमीजी से बात कर रहा है, तो फिर उस शख्स ने खुद अपना परिचय देते हुए कहा कि मैं प्रोटोकॉल ऑफिसर हूं.

मेरा नाम अफाक है. यहां से निकल जाओ. अगर पाकिस्तान के दूसरे सबसे बड़े ऑफिस के मर्दों को अगर नहीं पता है कि औरत से कैसे बात करनी है तो किसको पता है. 

पाक में महिलाएं कहीं सुरक्षित नहीं
पाकिस्तान की सबसे सुरक्षित जगह राष्ट्रपति भवन में भी अगर महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं तो पाकिस्तान के शहरों, गांवों, कस्बों, सड़कों, गलियों और चौराहों पर महिलाएं कितनी महफूज होती होंगी, ये आसानी से समझा जा सकता है.

इमरान और बाजवा के पाकिस्तान में महिलाएं खौफ में जीती हैं. विदेश में पढ़ी लिखी मारिया जब पाकिस्तान लौंटी तो वहां के माहौल को देखकर वो भी डर गईं और इस्लामाबाद के पोलिटिकल जोन में किराए पर घर लेकर रहने का फैसला किया लेकिन अब राष्ट्रपति भवन की घटना के बाद उन्हें लगने लगा है कि पाकिस्तान में महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं.

पाकिस्तान का मतलब क्या- बम धमाके और अगवा. पाकिस्तान में इन दिनों ये नारे यूं ही नहीं लग रहे हैं. ये बेटियों की सिसकियों से निकली हुई शोषण की वो रवायत है जिसके खिलाफ मारिया 2 दशकों से जंग लड़ रही हैं.

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