नई दिल्ली: पाकिस्तान के अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति को लेकर विभिन्न पक्षों के बीच अहम चर्चाओं के बाद शरीफ बंधुओं ने लंदन में कथित तौर पर फैसला किया है कि प्रधानमंत्री सभी महत्वपूर्ण नियुक्ति करने के लिए किसी भी 'दबाव' में नहीं झुकेंगे- चाहे जो भी हो. 


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नवाज शरीफ को जारी किया गया पासपोर्ट


पाकिस्तानी अखबार डॉन से मिली खबर के अनुसार गुरुवार को यह सामने आया कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की देश वापसी कराने के लिए उनको एक राजनयिक पासपोर्ट जारी किया गया है.  पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के अध्यक्ष इमरान खान द्वारा नए सेना प्रमुख की नियुक्ति और जल्द चुनाव की घोषणा करने के लिए दबाव के बाद डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, लंदन में दोनों भाइयों के बीच हुई बातचीत से जुड़े एक विश्वसनीय सूत्र ने बताया कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनके बड़े भाई नवाज शरीफ दोनों ने फैसला किया है कि सेना प्रमुख की नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री की शक्तियों का किसी भी कीमत पर समर्पण नहीं किया जाएगा. 


इस वजह से लंदन गए थे शहबाज शरीफ


पाकिस्तानी मीडिया में चल रही खबरों की मानें तो प्रधानमंत्री कथित तौर पर तेजी से बदलते राजनीतिक परिदृश्य के संदर्भ में अपने बड़े भाई के सामने कुछ हलकों द्वारा बताए गए विकल्पों को रखने के लिए लंदन गए थे. हालांकि, दोनों भाई खान की मध्यावधि चुनाव की मांग को नहीं मानने पर सहमत हुए हैं. 


इस दिन खत्म हो रहा है बाजवा का कार्यकाल


प्रधानमंत्री बुधवार को मिस्र से लौटते समय अपने बड़े भाई और पार्टी के सर्वोच्च नेता से सभी मुद्दों पर फैसला लेने के लिए लंदन गए थे, जो नए सेना प्रमुख की नियुक्ति को लेकर तीन साल से आत्म-निर्वासित में हैं. सूत्रों ने कहा कि बैठक के दौरान जनरल बाजवा को सेवा विस्तार देने पर भी चर्चा हुई. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार जनरल बाजवा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त होने वाला है. इस साल अप्रैल में प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद से शहबाज शरीफ की यह तीसरी ब्रिटेन यात्रा थी.


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