नई दिल्लीः पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार थम नहीं रहा है. एक के बाद एक हिंदू लड़कियों के अपहरण और उनकी जबरन शादी की वारदातें सामने आ रही हैं. साल की शुरुआत में नागरिकता कानून के विरोध की आग में देशभर को झोंक दिया गया था, लेकिन इस तरह की खबरें हर बार सिद्ध कर देती हैं कि आखिर क्यों भारत में CAA की जरूरत थी.  


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

जबरन कबूल कराया इस्लाम
जानकारी के मुताबिक सिंध प्रांत में नाबालिग हिंदू लड़की का अपहरण कर धर्म परिवर्तन किया गया है. सिंध के जकोबाबाद की रहने वाली रेशमा का पहले अपहरण किया गया, फिर जबरन इस्लाम कबूल करवाकर अपहरणकर्ता वजीर हुसैन से 18 जून को उसकी शादी करवा दी गई. 



यही नहीं, पीड़िता पर दबाव बनाकर उससे एक हलफनामा भी पेश कराया गया है, जिसमें ऐसा दिखाने की कोशिश की गई है वह मर्जी से इस्लाम अपना रही है. उसकी उम्र भी फर्जी तरीके से 19 साल बताई गई है. हलफनामे के मुताबिक रेशमा का नया नाम बशीरन रखा गया है.  मामले की जानकारी समाचार एजेंसी ANI और मनजिंदर सिंह सिरसा की ओर से ट्वीट करके दी गई है. 



भारत के खिलाफ पाक रच रहा था साजिश, जानिए इस बार कैसे धड़ाम से गिरा


पाक पीएम का झूठ उजागर
यह घटना पाक पीएम इमरान खान नियाजी के उन दावों के पोल खोलती है, जिसमें वह अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का झूठ बोलते हैं. पिछले कई महीनों में यहां बड़े पैमाने पर हिंदू, सिख व ईसाई लड़कियों का धर्म परिवर्तन करवाकर उनका मुस्लिम युवकों से विवाह रचाया गया है. 



पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (HRCP) की रिपोर्ट के अनुसार, हर साल कम से कम 1,000 गैर-मुस्लिम लड़कियों को जबरन इस्लाम कबूल करवाया जाता है. इनमें से अधिकांश लड़कियां सिंध के हिंदू परिवारों से होती हैं, 


अफगानिस्तान में कट्टरपंथी आतंकियों ने किया सिख नेता का अपहरण