नई दिल्लीः बार-बार मुंह की खाने और नाक रगड़ने के बाद भी पाकिस्तान अपने नापाक मंसूबों और झूठी साजिश से बाज नहीं आता है. हर बार भारत को नीचा दिखाने और, बिन मतलब ही घेरने के चक्कर में ऐसा फंसता है कि दुनिया भर में उसकी खुद की थू- थू हो जाती है.
दरअसल पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों को समर्थन देने के कारण वैश्विक स्तर पर फंसा हुआ है. अपनी यह छवि सुधारने की कोशिश के बजाय वह भारत को ही ऐसे झूठे मामलों में फंसाने की साजिश रचने लगा.
भारत पर मढ़ना चाहता आरोप
इस कोशिश में एक बार फिर उसे मुंह के बल गिरना पड़ा है. इस बार भारत को घेरने के लिए पाक ने चीन का हाथ थामा था, लेकिन उधर से भी पड़ोसी मुल्क को निराशा ही हाथ लगी है. पूरा मामला यह है कि पाकिस्तान भारत पर भी जबरन आतंक को समर्थन देने जैसा आरोप मढ़ना चाहता था. झूठे नाम लेकर वह इस पर जोर दे रहा था, लेकिन जब सबूत मांगे गए तो बगलें झांकने लगा.
अजहर पर बैन से बौखलाया
हुआ यूं कि जब संयुक्त राष्ट्र ने जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर बैन लगा दिया तो पाकिस्तान बौखला गया. इस बौखलाहट में उसने भारत पर ऐसे आरोप लगाकार 4 इंजीनियरों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव दिया. अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान के प्रस्ताव को रोक दिया.
यह थी नापाक प्लानिंग
इस बार में सरकारी सूत्रों से जानकारी मिली है. सामने आया है कि अमेरिका ने सुरक्षा परिषद को शुक्रवार को आधिकारिक रूप से सूचित किया है कि वह आधिकारिक रूप से पाकिस्तान के प्रस्ताव को रोक रहा है. पाकिस्तान ने 4 भारतीय नागरिकों पर उसके यहां पर आतंकवाद फैलाने का आरोप लगाया था. इसमें अफगानिस्तान में सक्रिय भारतीय कंस्ट्रक्शन कंपनी के इंजीनियर वेनू माधव डोंगरा भी शामिल हैं.
वेनू माधव को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराना चाहता था पाक
पाकिस्तान ने बड़ी ही उम्मीद से इस काम के लिए चीन की मदद लेने की सोची थी. उसकी चाल थी कि चीन की मदद से वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से वेनू माधव को वैश्विक आतंकवादी घोषित करा लेगा लेकिन उसकी योजना विफल हो गई.
अमेरिका ने पिछले साल सितंबर महीने में इस प्रस्ताव को तकनीकी रूप रोक दिया था और पाकिस्तान से डोंगरा के खिलाफ और ज्यादा सबूत देने के लिए कहा था.
सबूत मांगे तो बैकफुट पर पाकिस्तान
पाकिस्तान के और ज्यादा सबूत नहीं देने पर अमेरिका ने डोंगरा के खिलाफ आए प्रस्ताव को आधिकारिक रूप से रोक दिया. इसके साथ ही अब यह प्रस्ताव खत्म हो गया है. अब अगर पाकिस्तान अब भी डोंगरा को फंसाना चाहता है तो उसे नया प्रस्ताव लाना होगा.
बताया जा रहा है कि पाकिस्तान डोंगरा के बहाने मसूद अजहर का बदला लेना चाहता था लेकिन वह अपनी योजना में बुरी तरह से फेल हो गया. इससे पहले चीन ने मसूद अजहर पर आए प्रस्ताव को 4 मौकों पर ब्लॉक किया था.
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'सबूत देने में पाकिस्तान बुरी तरह से फेल'
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान डोंगरा के खिलाफ सबूत दे ही नहीं पाया. पाकिस्तान ने डोंगरा पर आतंकवादी हमलों के वित्तपोषण और आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान से संबंध रखने का आरोप लगाया था. इससे पहले पाकिस्तान ने 3 और भारतीयों पर यही आरोप लगाए थे और ये सभी भारत लौट चुके हैं.
भारतीय अधिकारी ने कहा, 'हमने कभी पाकिस्तान से यह अपेक्षा नहीं की थी कि वह कोई गंभीर सबूत लेकर आएगा.
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