नई दिल्ली: भारत-चीन  विवाद में अब तक का सबसे बड़ा अंतरराष्ट्रीय बयान आया है. ज़ी हिन्दुस्तान ने आपको बताया कि माइक पॉम्पियो के बयान और अमेरिका के रुख से रूबरू करवाया है. लेकिन आपको अमेरिकी के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो के इस बड़ा बयान की इस वक्त अहमियत समझने की जरूरत है. 


अमेरिकी विदेश मंत्री के इस बयान का क्या है मतलब?


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आपको समझाते हैं, क्योंकि अमेरिका के विदेश मंत्री के इस बयान का मतलब क्या है? और भारत के लिहाज से ये बयान कितना महत्वपूर्ण है? अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने कहा है की अमेरिका चीन के खिलाफ सेना भेजेगा जिसका सीधा सा मतलब ये है की अमेरिका खुलकर भारत के साथ आ गया है.


खबर- अमेरिका चीन के खिलाफ सेना भेजेगा
मतलब- अमेरिका खुलकर भारत के साथ आया


खबर- अमेरिका ने कहा चीन भारत समेत कई देशों के लिए खतरा
मतलब- चीन की दादागीरी खत्म करने का साफ संदेश


खबर- अमेरिका यूरोप से सेना घटाएगा
मतलब- चीन की चुनौती के लिए एशिया में सेना बढ़ाएगा अमेरिका



चीन की दादागीरी खत्म करने का समय आ चुका है


अमेरिका ने कहा चीन.. भारत समेत कई देशों के लिए खतरा है, जिसका मतलब ये है की चीन की दादागीरी खत्म  करने का साफ संदेश दे दिया गया है. माइक पॉम्पियो ने कहा है कि अमेरिका ने यूरोप में अपनी सेना घटानी शुरू कर दी है और अब वो एशिया में अपनी सेना तैनात करेगा. जिसका साफ मतलब है अब चीन की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी.


माइक पॉम्पियो के बयान की इतनी अधिक अहमियत क्यों है इस बात को समझने के लिए ये समझना जरूरी है कि माइक पॉम्पियो हैं कौन?



कौन हैं माइक पॉम्पियो?


माइक पॉम्पियो अमेरिका के विदेश मंत्री हैं. जिनकी उम्र तरकीबन 56 वर्ष है. माइक पॉम्पियो CIA के डायरेक्टर रह चुके हैं और अमेरिकी सेना में भी सेवा दे चुके हैं. इनकी पढ़ाई हार्वर्ड लॉ स्कूल से और अमेरिकी मिलिट्री अकादमी से हुई है.


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पॉम्पियो के बारे में जानकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनकी बात की कितनी अहमियत है. ऐसे में चीन को सावधान रहने की जरूरत है. यदि चमगादड़ चीन एक भी गलती करता है तो उसको काफी कुछ गंवाना पड़ सकता है.


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