नई दिल्ली.  सुरक्षा विजय का प्रथम प्रमाण है. विटामिन डी कोरोना से सुरक्षा की दिशा में प्रथम आवश्यकता है. एक रिसर्च ने बताया है कि विटामिन डी कोरोना से युद्ध में मानव शरीर का सबसे बड़ा शस्त्र है. इस रिसर्च के अनुसार लगभग निन्यानबे प्रतिशत कोरोना मौतों में मरीजों के भीतर विटामिन डी की भारी कमी पाई गई थी. 


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इंडोनेशिया में हुई है ये शोध 


इंडोनेशिया में कोरोना पर काफी लम्बे समय से रिसर्च चल रही है. इसकी एक रिसर्च ने ये अहम् जानकारी दी है. इंडोनेशिया के शोधकर्ताओं ने 780 लोगों पर यह रिसर्च की गई है. शोध में पता चाला कि कोरोना से मरने वालों में से 99 प्रतिशत मरीज ऐसे थे जिनमें विटामिन डी की कमी पाई गई थी. इस शोध के परिणामों महत्वपूर्ण जानकारी ये भी दी है कि कोरोना के हमले की स्थिति में प्राकृतिक धूप पोषक तत्व के रूप में मानव शरीर के लिए जीवन रक्षक सिद्ध हो सकती है.


यूरोपीय देशों में मौतें अधिक हुईं 


इंग्लैण्ड के कैम्ब्रिज में एंग्लिया रस्किन विश्वविद्यालय की एक रिसर्च ने इंडोनेशिया की रिसर्च का समर्थन किया है. कैम्ब्रिज के शोधकर्ताओं ने बताया कि यूरोप में कोरोना कोहराम मचाने में इसलिए सफल रहा क्योंकि यहां के लोगों में विटामिन डी की बहुत कमी है. यूरोपियन लोगों के शरीर में विटामिन डी की कमी के कारण कोरोना मौतों की संख्या यहां बहुत देखी गई है.  



ब्रिटेन कर रहा है समीक्षा 


इंडोनेशिया की रिसर्च के बाद अब जब कैम्ब्रिज की रिसर्च की रिपोर्ट ने भी बताया है कि  कम विटामिन डी के स्तर वाले यूरोपीय देशों में कोरोना संक्रमण की वजह से मरने वाले लोगों की संख्या बहुत अधिक है, तब ब्रिटेन के नेशनल इंस्टीट्यूट एंड केयर एक्सीलेंस ने इस तथ्य के प्रति गंभीरता दिखाते हुए इस मुद्दे की समीक्षा का आयोजन किया है और इसका प्रकाशन अगले महीने संभावित है.


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