Civil war in pakistan: इमरान-बाजवा ने रची `खूनी साज़िश`!
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा घिनौनी साज़िश रच रहे हैं.अपनी कुर्सी पर आए खतरे को हटाने के लिए ये कुख्यात जोड़ी अब खून खराबे पर उतर आई है.
नई दिल्ली: खबर है कि पाक सेना प्रमुख बाजवा (Pakistan Army chief bajwa) ने विपक्ष के एक बड़े नेता की हत्या का प्लान बनाया है जिसे अंजाम देने की ज़िम्मेदारी बदनाम खुफिया एजेंसी ISI को दी गई है.
लोकतांत्रिक सरकार की आपराधिक साजिश
हत्या की तारीख 25 अक्टूबर तय की गई है. इसी दिन बलूचिस्तान (Balochistan) की राजधानी क्वेटा में विपक्ष के गठबंधन की रैली है. इसी रैली में किसी बड़े नेता पर आत्मघाती हमला हो सकता है. लेकिन इस पूरी साज़िश का मास्टरमाइंड कौन है ये जानकर तो आप और हैरान रह जाएंगे.ये किसी से छिपा नहीं है कि पाकिस्तान में इमरान खान (Imran Khan) की सत्ता किसके दम पर चल रही है.
आर्मी चीफ बाजवा की मर्ज़ी के बिना इमरान खान एक कदम नहीं चल सकते और अब जब जनता का गुस्सा इन दोनों के खिलाफ बढ़ रहा है तो इससे बचने के लिए दोनों ने रची है खूनी साज़िश जिसका मास्टरमाइंड है कमर जावेद बाजवा.
लगातार बैठकें कर रहे हैं बाजवा
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कराची और गुजरांवाला से विपक्ष ने इमरान और बाजवा के खिलाफ जिस ऐलान ए जंग का आगाज़ किया उसे कुचलने के लिए कमर जावेद बाजवा ने ब्लू प्रिंट तैयार किया है.इस प्लान को अंजाम तक पहुंचाने के लिए बाजवा लगातार बैठक कर रहे हैं.
ऐसी ही एक बैठक 18 अक्टूबर को रावलपिंडी में आर्मी हेडक्वॉर्टर में हुई जिसमें खुद बाजवा मौजूद थे.इस बैठक में ISI चीफ फैज़ हमीद और DG ISPR भी मौजूद थे.बैठक में सेना के सभी कोर कमांडर भी बुलाए गए थे.बताया जा रहा है कि बाजवा ने क्वेटा में होने वाली रैली में हमले को हरी झंडी दे दी है.इस पूरी साज़िश को अंजाम तक पहुंचाने के लिए ISI को ज़िम्मेदारी दी गई है.ISI को छूट दी गई है कि मौका मिलने पर वो रैली से पहले भी हमला कर सकती है...
टाइगर फोर्स का हो सकता है इस्तेमाल!
इस घिनौनी साज़िश को अंजाम देने के लिए इमरान और बाजवा कोरोना के लिए बनाई गई टाइगर फोर्स का इस्तेमाल करने वाले हैं.ISI इसे हैंडल करेगी.इसके लिए टाइगर फोर्स में जैश और हिज़्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकियों के साथ साथ आत्मघाती हमलावर शामिल किए गए हैं.ये हमला इन्हीं आतंकियों से कराने की साज़िश है.हमले के बाद किसी भी गड़बड़ी से निपटने के लिए सेना की 111 इनफैंट्री ब्रिगेड को अलर्ट किया गया है.
इमरान बाजवा के निशाने पर मरियम नवाज़
पाकिस्तान में सियासी खून खराबा कोई नई बात नहीं, लेकिन इस साज़िश में सेना का ही हाथ होता था.इस बार सरकार खुद सेना के साथ मिलकर साज़िश रच रही है.दरअसल इमरान खान को उखाड़ फेंकने के लिए 11 विपक्षी पार्टियां एकजुट हो गई हैं.जनसमर्थन जुटाने के लिए रैलियां की जा रही हैं.पहले कराची फिर गुजरांवाला और अब बलूचिस्तान के क्वेटा में रैली होनी है और इसी रैली में प्लान है किसी बड़े नेता को उड़ाने का.और वो हो सकती है मरियम नवाज़.इमरान खान और कमर जावेद बाजवा मरियम नवाज़ के तीखे हमलों से बुरी तरह बौखला गए हैं.मरियम नवाज़ ने खुलकर इन दोनों को निशाने पर लिया हुआ है.
मरियम के साथ है पाकिस्तान की जनता
मरियम के तीखे बोलों और उन्हें मिल रहे लोगों के ज़बर्दस्त समर्थन ने इमरान खान को डरा दिया है.इसीलिए एकबार फिर वो कमर जावेद बाजवा की शरण में पहुंचे तो उन्होंने रच दी खूनी साज़िश जिसमें निशाने पर सबसे ऊपर हैं मरियम नवाज़.
दरअसल मरियम पर हमले से इमरान बाजवा एक तीर से दो निशाने साधने की फिराक में हैं.नवाज शरीफ के रिश्ते न इमरान से अच्छे हैं और न ही बाजवा से.मरियम जिस तरह पॉप्युलर हुई हैं उससे दोनों को डर है कि नवाज़ कहीं जनता के बड़े समर्थन से वापस न आ जाएं.ऐसे में मरियम को रास्ते से हटाकर वो विपक्ष का हौसला तोड़ने के साथ ही नवाज़ की वापसी का रास्ता भी बंद कर सकते हैं.
पाकिस्तान में राजनीतिक हत्याएं आम बात
पाकिस्तान में अपने राजनीतिक विरोधियों को हटाने का खेल समय समय पर खेला जाता रहा है.1951 में पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान की हत्या रावलपिंडी में कर दी गई थी...27 दिसंबर, 2007 को पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की नेता बेनज़ीर भुट्टो की हत्या की गई थी.बेनज़ीर की हत्या रावलपिंडी के उसी कंपनी बाग में हुई जहां लियाकत अली खान की हुई थी.बेनज़ीर भुट्टो अपने बयान और इरादों की वजह से कट्टरपंथियों के साथ साथ पाकिस्तानी सेना के निशाने पर थीं.हत्या के बाद इस केस को सेना ने ऐसा उलझाया कि अभी तक हत्या के मास्टरमाइंड का पता नहीं चल सका.
अब 13 साल बाद हालात फिर कुछ वैसे ही हैं.सेना आवाम के निशाने पर है,पीएम निशाने पर हैं और इनके खिलाफ मोर्चा संभाला है देश के युवा चेहरों ने जिनके पीछे है पाकिस्तान की आम जनता जो महंगाई, गरीबी, बेरोज़गारी से त्रस्त है और इमरान बाजवा की जोड़ी को उखाड़ फेंकना चाहती है.
भारत की छवि धूमिल करने का प्लान!
इस साज़िश का दूसरा पहलू भी है.पाकिस्तान में इमरान खान, कमर बाजवा की शैतानी जोड़ी जिस साज़िश पर काम कर रही है उसके निशाने पर भारत भी है.दरअसल बलूचिस्तान के क्वेटा में होने वाली विपक्ष की रैली में हमले का प्लान बनाने के पीछे वजह है वहां जारी अलगाववादी आंदोलन.पाकिस्तान लगातार आरोप लगाता रहा है कि भारत इस आंदोलन को हवा देता है.पाकिस्तान बलूचिस्तान में हमला करके उसका आरोप भारत पर मढ़ना चाहता है,इस तरह पाकिस्तान की मंशा दुनिया में भारत की छवि धूमिल करने की है... बलूचिस्तान में धमाके कर पाकिस्तान की मंशा सिमपैथी लेने की भी है...वो FATF के सामने भी विक्टिम कार्ड खेलने की चाल चल सकता है. पाकिस्तान खुद को आतंकवाद का शिकार बता सकता है. लेकिन खुफिया तंत्र को पाकिस्तान की इस नापाक चाल का पता चल चुका है. दरअसल पाकिस्तान की सेना और सरकार बढ़ती महंगाई, गरीबी, बेरोज़गारी, भुखमरी और विपक्ष के दबाव से ध्यान भटकाने के लिए भारत के खिलाफ माहौल बनाने में लगी है. एलओसी पर गोलाबारी कर भारत विरोधी भावनाएं भड़काने की कोशिश की जा रही हैं.
पाकिस्तान में पहली बार ऐसा है कि जनता खुलकर सेना के खिलाफ आवाज़ उठा रही है.
पाकिस्तानी सेना के भ्रष्टाचार से अवाम में गुस्सा
सेना के अधिकारियों के भ्रष्टाचार की खबरों ने दाने दाने को मोहताज पाक जनता के गुस्से को आसमान पर पहुंचा दिया है.विपक्ष जनता की भावनाओं को समझते हुए सेना और बाजवा को निशाने पर ले रहा है तो पीओके, गिलगित में सेना के खिलाफ आंदोलन शुरू हो गया है,खैबर पख्तूनख्वा में सेना के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं.
जब पाकिस्तान की अवाम भूखों मर रही थी तब सेना के एक पूर्व अधिकारी करोड़ों बना रहे थे.जी हां पाकिस्तान के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल और इमरान खान के सलाहकार आसिम सलीम बाजवा ने ऐसा बिज़नेस एंपायर खड़ा कर लिया जिसमें 99 कंपनियां और 133 रेस्त्रां की चेन शामिल है.एक अनुमान के मुताबिक बाजवा की संपत्ति करीब 34 मिलियन डॉलर की है.पाकिस्तान में सेना से सवाल पूछने का हक किसी को नहीं,प्रधानमंत्री को भी नहीं.यही वजह है कि सेना के अधिकारी काली कमाई का अंबार खड़ा करते रहे और कोई उनसे पूछने वाला तक नहीं था लेकिन अब इनका काला चिट्ठा खुलने के बाद जनता में गुस्सा है.
कराची,गुजरांवाला,में विपक्ष ने इमरान खान और जनरल बाजवा पर जमकर निशाना साधा.ये वही बाजवा हैं जिन्होंने इमरान खान को पीएम बनाया तो इमरान ने 2019 में तीन साल का एक्सटेंशन देकर उनका एहसान चुकाया,अब दोनों मिलकर पाकिस्तान का बेड़ा गर्क करने में जुटे हैं.अपना घर संभल नहीं रहा भारत से पंगा ले रहे हैं.ज़ाहिर है इमरान खान घर और बाहर बुरी तरह घिर चुके हैं और एक चूक उन पर भारी पड़ सकती है.
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