भ्रामक सूचना के मुद्दे पर यूएन में भारत को मिला आधी दुनिया का साथ
ये पहल भारत ने की थी और ये भारत की अभूतपूर्व पहल-कदमी है जिसे आधी से ज्यादा दुनिया का साथ मिला है. भ्रामक सूचना को पर वैश्विक कार्रवाई के लिये यूनाइटेड नेशंस में जहां भारत का आवाहन अभूतपूर्व है वहीं भारत को इतना बड़ा समर्थन मिलना भी असाधारण है..
नई दिल्ली. ये यूनाइटेड नेशंस में भारत के वजनदार अस्तित्व का गुरु-गंभीर प्रमाण है. भारत ने यूएन में में कोविड-19 पर भ्रामक सूचना के विरोध को लेकर पहल की है जिसमें अप्रत्याशित रूप से उसे 130 देशों का समर्थन मिला है. इस समर्थन के पीछे भारत की अपनी वैश्विक छवि तो है ही, चीन के खलनायक चेहरे की भी वैश्विक छवि इसका कारण बनी है.
भारत ने की बड़ी पहल की अगुवाई
दुश्मन चीन को सबक दे दिया भारत ने. बिना बात भारत को सीमा पर छेड़ने वाले चीन को समझ में आ गया है कि भारत अकेला नहीं है. भारत ने यूनाइटे नेशंस में कोरोना वायरस को लेकर भ्रामक सूचना के प्रसार को चुनौती दी और इसके खिलाफ तथ्य आधारित सामग्री का प्रचार करने के उद्देश्य से एक एक पहल को प्रस्ताव रूप में सामने रखा.
132 देशों ने किया भारत का समर्थन
यूनाइटेड नेशंस में इस महत्वपूर्ण विषय को उठाने और कोविड-19 वैश्विक महामारी से संबंधित भ्रामक सूचना का भारत का विरोध सफल रहा. भारत को भ्रामक सूचना का विरोध करने और इस तरह की गतिविधियों से निपटने के लिए 130 से अधिक देशों ने अपना समर्थन दे दिया है.
तेरह देशों ने साथ साथ की ये पहल
यूनाइटेड नेशंस में तेरह देश साथ आये और उन्होंने भ्रामक सूचना के विरोध का प्रस्ताव इस सर्वोच्च वैश्विक संगठन के पटल पर प्रस्तुत किया और जितनी आशा थी उससे भी अधिक समर्थन उन्होंने प्राप्त किया. ‘भ्रामक सूचना’ या तोड़ मरोड़कर दी गई सूचना से निपटने के इस प्रस्ताव को ऑस्ट्रेलिया, चिली, फ्रांस, जॉर्जिया, इंडोनेशिया, लात्विया, लेबनान, मॉरिशस, मैक्सिको, नॉर्वे, सेनेगल और दक्षिण अफ्रीका ने साथ आकर प्रस्तुत किया.