नई दिल्ली.  भारत की सरहद और भी मज़बूत हो गई है. अब इस सरहद की हिफाज़त के लिए भारत की मातृ-शक्ति भी सन्नद्ध है. कश्मीर में LoC पर पहली बार भारतीय महिला सैनिकों की तैनाती हुई है और यहां भारतीय सेना में नारी शक्ति का प्रतिनिधित्व करती हुई जवान को हाथों में बंदूक लिए सीमा की सुरक्षा करते हुए देखना एक अविस्मरणीय दृश्य है.


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कश्मीर में हुई तैनाती महिला सैनिकों की 


पहली बार ऐसा हुआ है जब भारतीय सेना ने अपनी महिला सैनिकों को कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर देश की सुरक्षा के लिए नियुक्त किया है. यहां दिए गए चित्र में आप जिस महिला सैनिक को देख रहे हैं वह. असम राइफल्स की महिला सैनिक है जो उत्तर कश्मीर में एलओसी से सटे कुपवाड़ा में तैनात हुई हैं. 


नियुक्त का कारण विशेष है


आज सीमा पर आवश्यकता है कि देश की महिला शक्ति भी राष्ट्र-रक्षा में अपना योगदान दे. भारतीय सेना की महिला सैनिकों की तैनाती आज उस दौर में की गई है जिस समय लद्दाख में भारत और चीन की सेना आमने-सामने हैं. इसके अतिरिक्त पाकिस्तान की तरफ से भी निरंतर सीजफायर का उल्लंघन हो रहा है और भारत में घुसपैठ की उसकी कोशिशें जारी हैं. 



 


सीआरपीएफ की महिला वाहिनी भी  मुस्तैद 


जम्मू कश्मीर के नियंत्रण रेखा के पास सीआरपीएफ की महिला वाहिनी दो दशक से नियुक्त है. यहां अब  असम राइफल की महिला सैनिक भी एलओसी की तरफ आने-जाने वाले रास्तों पर चौकन्नी निगाहें गड़ाए हुए कर्तव्य पथ पर सन्नद्ध हैं और शत्रु के हर षड्यंत्र को असफल करने में लगी हुई हैं. कश्मीर के इन दुर्गम क्षेत्रों में प्रथम बार बंदूक थामे महिला सैनिक एक अलग ही भारतीय गौरव की तस्वीर बनी हुई है. 


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