नई दिल्ली: किसानों के आंदोलन का आज 10वां दिन है. बड़ी संख्या में दिल्ली बॉर्डर पर किसान डटे हैं. सरकार और किसानों के बीच बातचीत का सिलसिला जारी है. इस बीच किसान आंदोलन पर बोलने वाले कनाडा (Canada) के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) को भारत ने कड़ा संदेश दिया है.


भारत ने कनाडा को दिया करारा जवाब


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कनाडा (Canada) के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) की टिप्पणी से के बाद भारत ने करारा जवाब देने के लिए बड़ा कदम उठाया है. भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) कनाडा के कोविड के विदेश मंत्रियों की समूह बैठक में शामिल नहीं होंगे. बैठक अगले सप्ताह होनी है, और इसका नेतृत्व कनाडा (Canada) करने वाला है, लेकिन भारत इस बैठक में भाग नहीं लेगा.


भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (S Jaishankar) ने नवंबर में COVID-19 में 11 वें मंत्रिस्तरीय समन्वय समूह में भाग लिया था. यह पहली बार था जब भारत ने आधिकारिक रूप से बैठक में भाग लिया. लेकिन कनाडा में होने वाले विदेश मंत्रियों के कोविड सम्मेलन में अब विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) शामिल नहीं होंगे. इसकी वजह किसी से छिपी नहीं है. दरअसल, कनाडा के पीएम ट्रूडो (Justin Trudeau) ने भारत के मामले में दखलअंदाजी की थी. अब भारत ने ये साफ कर दिया है कि हिन्दुस्तान अपने अंदरूनी मामलों में विदेशी दखलअंदाजी 'बर्दाश्त' नहीं करने वाला है.


कनाडा के PM ने ऐसा क्या किया था?


इस बीच कनाडा (Canada) के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने किसान आंदोलन का समर्थन किया है. कनाडा (Canada) के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि "हालात चिंताजनक है..शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के अधिकारों की रक्षा के लिए कनाडा हमेशा खड़ा रहेगा."


कनाडा के प्रधानमंत्री ने भी किसान आंदोलन का कर दिया समर्थन


उस समय कनाडा के विदेश मंत्रालय की एक विज्ञप्ति में कहा गया, "मंत्री शैम्पेन (कनाडा के विदेश मंत्री) ने समूह के लिए भारत के मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर का स्वागत किया, भारत में हाल के घटनाक्रमों पर ध्यान नहीं दिया और वैश्विक सीओआईडी-19 वैक्सीन और दवा को संबोधित करने में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया. जरूरत है."


समूह के अन्य सदस्यों में ब्राजील, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इटली, सिंगापुर और यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं.


पिछले हफ्ते कनाडाई पीएम ने भारत में किसानों के विरोध प्रदर्शन पर टिप्पणी की, जिससे भारत की नाराजगी बढ़ गई. भारत ने इस टिप्पणी को "अनुचित" टिप्पणी बताया था. इस पर कड़ी प्रतिक्रिया में विदेश मंत्रालय ने कनाडाई दूत नादिर पटेल को तलब किया और उनसे कहा कि अगर इस तरह की कार्रवाई जारी रहती है, तो भारत और कनाडा के संबंधों पर गंभीर रूप से हानिकारक प्रभाव पड़ेगा."


क्या Farmers Protest की भेंट चढ़ जाएगा भारत-कनाडा संबंध !


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