ट्रंप और रुहानी के बीच `नंबर` वाली धमकी! तीसरे विश्व युद्ध की चर्चा तेज
ईरान के मेजर जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने के बाद से ही अमेरिका और ईरान दोनों देश एक दूसरे को धमकी दे रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने ईरान के 52 ठिकानों पर हमले के धमकी दी तो अब ईरान के राष्ट्रपति रूहानी अमेरिका को 290 ठिकानों पर हमले की धमकी दे रहे हैं. आखिर क्या है ईरान और अमेरिका के बीच इस नंबर गेम की पूरी कहानी आपको बताते हैं.
नई दिल्ली: अमेरिका और ईरान में जारी तनाव को देखते हुए दुनिया में तीसरे विश्व युद्ध की चर्चा तेज हो गई है. ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत के बाद अमेरिका और ईरान के बीच वार-पलटवार का दौर जारी है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप की धमकियों के बीच ईरान ने जवाबी हमला बोला है.
ट्रंप की धमकी, रुहानी का करारा जवाब!
ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने अमेरिका को 290 ठिकानों पर हमले की धमकी दी है. इससे पहले ट्रंप ने ईरान के 52 ठिकानों को निशाना बनाए जाने की धमकी दी थी.
सैन्य कमांडर की मौत के बाद ईरान का नेतृत्व लगातार अमेरिका पर आरोप लगा रहा है अमेरिका ने शनिवार को ही ईरान के 52 ठिकानों की सूची जारी की है जिस पर अमेरिका हमला कर सकता है. अमेरिका ने कहा है कि यदि ईरान अमेरिकी नागरिकों या उसके ठिकानों को निशाना बनाता है तो वो ईरान के इन 52 स्थानों पर हमला करेगा. इस पर पलटवार करते हुए ईरान के राष्ट्रपति हसन रुहानी ने ट्वीट कर कहा कि '52 ठिकानों की लिस्ट दिखा रहे हैं उन्हें अपने 290 ठिकानों को भी याद रखना चाहिए और अमेरिका ईरान को डराने की कोशिश ना करे.'
इस क्रम में आपको ईरान और अमेरिका के बीच इस नंबर गेम की पूरी कहानी जरूर समझनी चाहिए.
ऑपरेशन 52 के बदले ऑपरेशन 290!
दरअसल, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जिस 52 नंबर का जिक्र किया वो साल 1979 की उस घटना से जुड़ा है जब ईरान ने अमेरिका के 52 नागरिकों को बंधक बनाया था. उसी 52 बंधकों के बदले ट्रंप ने 52 ठिकानों पर हमले की धमकी दी थी. रुहानी के 290 की धमकी का मतलब भी कुछ ऐसा ही है. 1988 में ईरान के प्लेन पर अमेरिका के हमले से प्लेन में सवार 290 बेगुनाह लोग मारे गए थे. अब रूहानी ने उन्हीं 290 ईरानियों की मौत के बदले अमेरिका के 290 ठिकानों पर हमले की धमकी दी है.
परमाणु संधि तोड़ी, अब होगा न्यूक्लिर वॉर!
अमेरिका और ईरान के इन बढ़ते तनाव के बीच अब दुनिया पर न्यूक्लियर वॉर का खतरा मंडराने लगा है. अमेरिका से जारी तनातनी के बीच ही ईरान ने परमाणु संधि तोड़ दी है. जिसके बाद ट्रंप ने ट्वीट कर कहा है कि ईरान कभी न्यूक्लियर पावर देश नहीं हो सकता है.
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ईरान और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी चिंता जाहिर की है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बढ़ते वैश्विक तनाव को लेकर अत्यधिक संयम बरतने की अपील की. गुटेरेस ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में कहा कि नव वर्ष का आगाज हमारी दुनिया में खलबली के साथ हुआ है. उन्होंने कहा, 'हम खतरनाक वक्त से गुजर रहे है. इस सदी में भूराजनीतिक तनाव उच्चतम स्तर पर हैं और यह अशांति बढ़ती जा रही है.'
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