नई दिल्ली.   चीन दुनिया में हर छोटे देश को आंखे दिखाता है लेकिन अब तक अमेरिका की खुली धमकियों का खुल कर विरोध करने की ताकत नहीं जुटा पाया है. लेकिन इसके बाद भी चीन अपनी मनमानियों से बाज नहीं आया है. अब अमेरिका ने घोषणा की है कि साउथ चाइना सी में चीन की दादागिरी की कोशिश का जापान और अमेरिका मिल कर विरोध करेंगे.


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''अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का साथ मिलेगा''


 एक अरसे से चीन को अपने गुस्से के बोलों का निशाना बनाने वाला अमेरिका ने चीन के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन का साथ जुटा लिया है. अब उसने जापान को भी अपने साथ जोड़ कर ऐलान कर दिया है कि चीन को मनमानी नहीं करने दी जाएगी, अमेरिका और जापान मिल कर उसका विरोध करेंगे. अमेरिका को ये भी उम्मीद है कि इस मामले में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय भी उनका साथ देगा.


जलमार्गों को बदलना चाहता है चीन 


 चीन दक्षिण और पूर्व चीन सागर में वास्तव में मनमानी की कोशिश कर रहा है. चीन इन समुद्री क्षेत्रों  के खास जलमार्गो की यथास्थिति को अपने फायदे के लिए बदलना चाहता है. अमेरिका ने कहा है कि वह जापान के साथ मिल कर चीन की इस एकतरफा कोशिश का विरोध करेगा. 


रक्षा मंत्रियों ने की वार्ता 


जापान और अमेरिका के रक्षा मंत्रियों के बीच हाल ही में इस विषय पर एक बैठक सम्पन्न हुई. बैठक में जापानी रक्षा मंत्री तारो कोनो ने अपने अमेरिकी समकक्ष मार्क एस्पर के विचारों से सहमति जताते हुए चीन के विरुद्ध एकता का ऐलान किया. इस बातचीत में अमेरिका ने चीन के खिलाफ अमेरिकी प्रौद्योगिकी की चोरी, चीन में मानवाधिकारों का दमन और विवादित दक्षिण चीन सागर में चीन की सैन्य गतिविधियों के मुद्दे उठाये.


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