नई दिल्लीः पड़ोसी मुल्क की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के लिए आई राहत की खबर को पाकिस्तान ने नकार दिया है. मंगलवार-बुधवार को दिन भर पाकिस्तानी मीडिया की हवाले से जारी खबर को शाम को गलत बताते हुए कहा गया कि जाधव का मामला सिविलियन कोर्ट में नहीं चलाया जा रहा है. पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट करते हुए इस बात की घोषणा की है कि जाधव से जुड़े मामले में पाक आर्मी एक्ट में बदलाव वाली खबर गलत है. पहले खबर में बताया गया था कि पाकिस्तान जाधव के मामले को सिविलियन कोर्ट में चलाने की तैयारी कर रहा है. उन्होंने कहा कि हमने ऐसा कुछ भी करने पर अभी विचार नहीं किया है.


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समय के साथ साझा करेंगे अंतिम स्थिति-गफूर
पाकिस्तान की मीडिया में प्रकाशित खबरें इस बात की ताकीद कर रही थीं कि अंतरराष्ट्रीय अदालत के फैसले के आधार पर जाधव को यह मौका दिया जाएगा. पाकिस्तान इसके लिए सैन्य कानूनों में भी बदलाव करेगा. पाक सरकार इसके लिए कदम उठा रही है.  लेकिन शाम होते-होते ही पाकिस्तानी सेना की तरफ से इस खबर का खंडन कर दिया गया.



पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफूर ने ट्वीट करते हुए इस बात की घोषणा की है कि जाधव से जुड़े मामले में पाक आर्मी एक्ट में बदलाव वाली खबर गलत है. गफूर ने ट्वीट में लिखा है, कुलभूषण जाधव के बारे में अंतरराष्ट्रीय अदालत  के फैसले को लागू करने के लिए पाक सेना अधिनियम में संशोधन की अटकलें गलत हैं. मामले की समीक्षा और पुनर्विचार के विभिन्न कानूनी विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. अंतिम स्थिति समय के साथ साझा की जाएगी.



इस आधार पर आई थी खबर 
बताया जा रहा था कि यूएन में आईसीजे की ओर से फटकार मिलने के बाद जाधव मामले में पाकिस्तान का रुख अब झुकाव भरा है. इस झुकाव के पीछे की वजह बताई गई कि अंतरराष्ट्रीय अदालत ने  बीते दिनों एक फैसला दिया और टिप्पणी करते हुए कहा कि कुलभूषण मामले में पाकिस्तान मे वियना संधि का उल्लंघन किया है. आईसीजे के अध्यक्ष न्यायाधीश अब्दुलकावी यूसुफ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस मुद्दे से जुड़े फैसले पर अपनी रिपोर्ट पेश की. इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान ने वियना संधि के अनुच्छेद 36 के तहत अपने दायित्वों का उल्लंघन किया और इस मामले में उचित उपाय नहीं किए. इस मामले में पाकिस्तान ने जाधव को वो सभी अधिकार नहीं दिए जो उन्हें मिलना चाहिए थे. कुलभूषण जाधव के मामले में कोर्ट ने कई बार वियना कन्वेंशन का जिक्र किया. 



2017 में सुनाई मौत की सजा
कोर्ट ने यह भी कहा कि वियना कन्वेंशन में कहीं इस बात जिक्र नहीं है कि जासूसी के आरोप का सामना कर रहे शख्स को काउंसलर एक्सेस नहीं दिया जाता. कोर्ट ने कहा कि इसलिए पाकिस्तान को हर हाल में कुलभूषण जाधव मामले में काउंसलर एक्सेस देना चाहिए था.



अप्रैल 2017 में कुलभूषण जाधव को जासूसी और आतंकवाद के आरोप में पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. अब्दुलकावी अहमद यूसुफ की अध्यक्षता वाली बेंच ने ही इस मामले में सजा पर पुनर्विचार करने का फैसला सुनाया था. 


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