नई दिल्ली: देश में कर्नाटक से शुरू हुआ हिजाब विवाद अब पूरे देश में फैलता जा रहा है. कर्नाटक के बाद महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में हिजाब के समर्थन में प्रदर्शन किए जा रहे हैं. विभिन्न जगहों पर अल्पसंख्यक महिलाएं और लड़कियां हिजाब को संवैधानिक अधिकार बता रही हैं. अब इन महिलाओं को ये अधिकार मिलेगा या नहीं, ये बात कोर्ट में तय होगी. कर्नाटक हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर सुनवाई जारी है. लेकिन इस बीच हम आपको बता रहे हैं कि कैसे इस्लामिक राष्ट्र सऊदी अरब में मुस्लिम महिलाएं हिजाब किनारे रखकर योग कर रही हैं. 


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सऊदी अरब की महिलाओं में पॉपुलर हो रहा है योग
अरब में महिलाओं के बीच योग तेजी के साथ पॉपुलर हो रहा है. शरीर को स्वस्थ रखने की योग की काबिलियत को देखते हुए साल 2017 में सऊदी सरकार ने इसे खेल का दर्जा दिया था. इसी के बाद सऊदी में योग को बढ़ावा देना वैधानिक हो गया था. कोई भी व्यक्ति लाइसेंस लेकर वहां पर लोगों को योग सिखा सकता है. 



इस महिला का है बड़ा योगदान
सऊद में योग को मिली इस कामयाबी के पीछे भी एक महिला नउफ मरवई का बड़ा योगदान था. वह सऊदी अरब की पहली सर्टिफाइड महिला योग प्रशिक्षक हैं. योग को सऊदी में मशहूर करने के लिए नउफ मरवई को भारत सरकार ने साल 2018 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया था. 


नउफ अरब योगा फाउंडेशन की फाउंडर हैं. इस फाउंडेशन की सऊदी में बढ़ती लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि साल 2019 तक इस फाउंडेशन ने 10 हजार से ज्यादा लोगों को प्रशिक्षित किया था. हाल में इस संगठन ने एक बड़े योग कार्यक्रम का आयोजन किया था जिसमें करीब 1 हजार लोग शामिल हुए थे. नउफ के शिष्यों में बड़ी संख्या महिलाओं और लड़कियों की भी है. परंपरागत रूप से रूढ़िवादी माने जाने वाले सऊदी अरब में लड़कियां बढ़-चढ़कर योग कार्यक्रम में हिस्सा ले रही हैं. 


जेद्दा में पोल डांसिंग और योगा क्लासेज का बड़ा सेंटर


नउफ की तरह ही एक अन्य महिला रोआ अल शहाफ हैं जिन्होंने देश में पहला एरियल योगा स्टूडियो शुरू किया है. 42 साल की शहाफ तीन बच्चियों की मां हैं और उन्होंने अपना सेंटर जेद्दा में खोला है. उनसे इस सेंटर में योग, पोल डांसिंग, फैमिली डांस क्सालेज चलते हैं. शहाफ का यह सेंटर भी सऊदी में लड़कियों के बीच बेहद मशहूर हो रहा है. 


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