नई दिल्ली: कोरोना संक्रमित अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को पिछले 4 दिनों से बुखार नहीं हुआ है, उन्हें किसी सप्लीमेंट्री ऑक्सीन की ज़रूरत नहीं पड़ी है और पिछले 24 घंटे में ट्रंप में कोई भी कोविड-19 के सिम्टम नहीं दिखे हैं। ये सब है ट्रंप की तबीयत का ताज़ा हाल,...लेकिन सबसे अहम ये कि अब उनके शरीर में एंटीबॉडी पाई गई है. लेकिन किसी बात को अपने पक्ष में इस्तेमाल करने में माहिर ट्रंप ने इसे भी भुनाने की कोशिश कर डाली.


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ट्रंप की तबीयत सुधरी तो 'चुनावी बुखार' चढ़ गया!


अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का अंदाज़ भी बिल्कुल निराला है. अजब ट्रंप के गज़ब किस्से हैं. मास्क मसखरे ट्रंप ने कोरोना को लेकर अब तक जितने बयान दिए होंगे सब फीके पड़ जाएंगे, जब वो कहते हैं, कि 'कोरोना ईश्वर का आशीर्वाद है'.


एंटीबॉडी बनने को भी ट्रंप ने क्यों भुनाया?


ट्रंप की ये ज़बर्दस्त फिलॉसफी तब सामने आई है जब व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेटरी ने एक लिखित बयान जारी किया, जिसके मुताबिक़ ट्रंप के ब्लड टेस्ट में कोरोना के पर्याप्त एंटीबॉडी पाए गए हैं. यानी अब उनका इम्यून सिस्टम कोरोना के वायरस से लड़ने में सक्षम है. बस क्या था ट्रंप ने इसे भी भुना डाला और लगे हाथ कोरोना पर अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर नाकामी को धोने की भी कोशिश की.


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मिस्टर प्रेसिडेंट ने कहा ''मेरा मानना है कि मुझे कोरोना संक्रमण होना ईश्वर का आशीर्वाद था.एक छिपा हुआ आशीर्वाद. ये अविश्वसनीय तरीक़े से मुझे स्वस्थ बना रहा है. अब मैं बिल्कुल ठीक हूं. मैं सोचता हूं अगर मुझे कोरोना नहीं होता तो मैं और लोगों की तरह कई तरह की दवाएं आजमाने पर विचार कर रहा होता. पर ये (कोरोना एंटीबॉडी) वास्तव में ग़जब काम कर रहा है.बिना कुछ खर्च किए मेरा शरीर इसे बिल्कुल फ्री बना रहा है''


'कोरोना ईश्वर का आशीर्वाद है'! - ट्रंप


मतलब साफ़ है जो ट्रंप पहले भी कहते रहे हैं, कि कोरोना से मत डरो, इसे अपनी जिंदगी पर हावी ना होने दो. पर अब उन्होंने इसमें जोड़ दिया है कि अगर कोविड हो भी गया तो इसे ईश्वर का आशीर्वाद समझो. तुम्हारा शरीर खुद इस बीमारी से लड़कर कोरोना को भगा देगा.



ज़ाहिर है ट्रंप लोगों को ये घुट्टी इसलिए पिलाना चाहते हैं कि उनके पास इस बात कोई जवाब नहीं है कि आखिर दो लाख से ज्यादा अमेरिकी कोरोना से क्यों मरे? अगर एंटीबॉडी ही इस बीमारी का समाधान होता तो फिर इतने बड़े पैमाने पर कोरोना वैक्सीन और इसकी दवाओं पर रिसर्च क्यों होती?


इतना ही एक और बड़ा सवाल ट्रंप के चीन पर गुस्से से जुड़ा है. ट्रंप ने फिर दोहराया है कि ''मुझे चीनी वायरस का संक्रमण हुआ, इसमें आपकी ग़लती नहीं है. ये चीन की ग़लती है और चीन को इसका ख़ामियाजा भुगतना होगा. चीन ने इस देश के साथ जो किया है, उसे इसकी क़ीमत चुकानी होगी''.


एक तरफ़ चीन पर कोरोना को लेकर ट्रंप का ऐसा गुस्सा,...और दूसरी तरफ़ कोरोना को आशीर्वाद बताना, भला किसे हज़म होगा? अगर ट्रंप कहते हैं कि कोरोना संक्रमण ईश्वर का आशीर्वाद है, तो फिर इस आशीर्वाद के लिए वो चीन को कोसते क्यों हैं?


यही वजह है कि ट्रंप भले एंटीबॉडी बनने को भी चुनावी चश्मे से देख कर इसे भुनाने में लगे हों, पर तमाम एक्सपर्ट्स का कहना है कि ट्रंप के शरीर में एंटीबॉडी का बनना कहीं से इस बात की पुष्टि नहीं कि वो कोविड से रिकवरी कर रहे हैं.


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