नई दिल्ली. ये है रेत का तूफ़ान जिसके कारण दिन में भी सूरज को देखना मुश्किल हो रहा है. तूफ़ान है इसलिए तूफानी गति से ही ये चल रहा है और बढ़ रहा है सेंट्रल अमेरिका की तरफ. लगता है मुसीबतों ने अमेरिका को ही अपना निशाना बना रखा है.
सहारा रेगिस्तान से शुरू हुआ है सफर
इस रेतीले तूफ़ान का सफर सहर के रेगिस्तान से शुरू हुआ है जिसने कई देशों के आसमान को रेत के अंधड़ से ढक दिया है. सहारा का यह रेतीला तूफ़ान अब 8000 किलोमीटर दूर अमेरिका के पुएर्तो रिको और सैन जुआन तक आ पहुंचा है. माना जा रहा है कि इस रेत के तूफ़ान की तेज हवाओं के साथ चल रही यात्रा खत्म नहीं हुई है.
अमेरिका पर गिरने वाली है ये गाज
कोरोना संक्रमण और रंगभेद आंदोलन की दोहरी मार झेल रहा अमेरिका अब इस तीसरी मुसीबत के लिए तैयार है या नहीं, ये तो खुद राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प भी नहीं जानते. लेकिन ये रेतीला तूफ़ान कितना खतरनाक है इसका अनुमान इस बात से ही लगाया जा सकता है कि इस तूफ़ान के मार्ग में पड़ने वाले कैरेबियाई देशों में कई दिनों से सूरज नहीं दिखा है और अब ये हालत उत्तरी अमेरिका की भी होने वाली है.
सहारन डस्ट के नाम से जाना जाता है इसे
इस रेतीले तूफ़ान को सहारण डस्ट कहा जाता है जो कि दुनिया के बाकी तूफानों की तरह नहीं होता. विशेषज्ञों के अनुसार ये रेत के काफी बारीक कण होते हैं, जो कि 3 हज़ार से 7 हज़ार फीट की ऊंचाई तेज तूफानों के साथ यात्रा करते हैं जो कि दूर से देखने पर एक बादल जैसे नज़र आते हैं. पर मूल रूप से ये कैरिबियाई रेगिस्तान की धूल होती है.
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