नई दिल्लीः भारत में इस साल कुल सात चरणों में लोकसभा चुनाव कराए जा रहे हैं. इनमें से दो चरण के मतदान पूरे हो चुके हैं. चुनावी रैलियों में अक्सर पक्ष और विपक्ष की ओर से पाकिस्तान का नाम लेकर तरह-तरह की बयानबाजी की जा रही है. इस पर पाकिस्तान सरकार ने आपत्ति जताई है और भारतीय राजनेताओं से आग्रह किया है कि राजनीतिक फायदे के लिए वे चुनावी रैलियों में पाकिस्तान को न घसीटें. 


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'भारत के दावों को खारिज कर दिया है पाकिस्तान'
पाकिस्तान विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर पर भारत के सभी दावों को खारिज कर दिया है. लेकिन भारतीय राजनेता चुनावी उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए भारत के लोकलुभावन रैलियों में पाकिस्तान को घसीटने की अपनी गलत आदत को बंद करें. हम जम्मू-कश्मीर को लेकर भारतीय राजनेताओं के अनुचित दावे वाले बयानों में लगातार बढ़ोतरी देख रहे हैं. इस तरह के बयान काफी चिंताजनक हैं. 


'निराधार हैं भारतीय राजनेताओं के भाषण' 
मुमताज जहरा बलूच ने आगे कहा कि पाकिस्तान इन दावों को खारिज करता है. अति-राष्ट्रवाद से ओत-प्रोत ये भड़काऊ भाषण और बयानबाजियां क्षेत्रीय शांति और संवेदनशीलता के लिए गंभीर खतरा पैदा करती हैं. भारतीय राजनेताओं के दावे निराधार हैं और किसी भी ऐतिहासिक या कानूनी तथ्यों के विपरीत हैं. 


चुनावी रैलियों में लिया जाता है पाकिस्तान का नाम
बता दें कि अक्सर चुनावी प्रचार-प्रसार में नेताओं और पार्टियों द्वारा पाकिस्तान का नाम खुलकर लिया जाता है. हाल ही में 11 अप्रैल को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मध्य प्रदेश से सतना जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि जिस तरह से जम्मू-कश्मीर विकास की ओर बढ़ रहा है. उससे मुझे लगता है कि पोओके के लोग सोचते होंगे कि उनका भी विकास केवल पीएम मोदी के हाथों ही संभव है, न कि पाकिस्तान के हाथों. पीओके के लोग कह सकते हैं कि वे भारत के साथ रहना चाहते हैं. पीओके हमारा हिस्सा था और हमेशा रहेगा. 


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