नई दिल्ली: दुनियाभर में अपनी करतूतों के लिए बदनाम मुल्क पाकिस्तान अपनी औकात में आ गया है. पाक पीएम इमरान खान की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में ये फैसला किया गया है कि वो भारत से पोलियो मार्कर की खरीदारी करेगा.


पाक को चाहिए भारत से मदद


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पोलियो उन्मूलन की कोशिशों में जुटी पाकिस्तान की इमरान सरकार ने भारत से इस बारे में सहायता मांगी है. ये जानना बेहद दिलचस्प है कि पाकिस्तान को ये यू टर्न तब लेना पड़ा है. जब फिजूल की अकड़ में रहने वाले इसके हुक्मरान मुसीबतों से घिर गए हैं.


भारत ने अपने जम्मू कश्मीर से धारा 370 क्या निरस्त किया कि पाकिस्तान ने इसे जबरदस्ती अपनी प्रतिष्ठा और मानवाधिकारों से जोड़ कर भारत के खिलाफ हंगामा मचाने की नाकाम कोशिश की. और जब भारत का कुछ ना बिगाड़ पाया तो खीझ में आकर उसने भारत के साथ 9 अगस्त से हर तरह के व्यापार पर प्रतिबंध लगा रखा है. हालांकि अवाम के दबाव में आकर उसे सितंबर में ही मेडिसीन के व्यापार पर से बैन हटाना पड़ा. और अब पोलियो मार्कर के आयात को भी उसे छूट देनी पड़ी है.


क्या है इसके पीछे की वजह?


पाकिस्तान ने पहले अपने परम मित्र देश चीन से पोलियो मार्कर खरीदा था लेकिन उसकी घटिया क्वॉलिटी को देखते हुए उसे भारत की मदद लेनी पड़ रही है. बच्चों को पोलियो का टीका लगाने के बाद MARKERS से उनकी उंगलियों पर निशान बनाया जाता है. लेकिन पाकिस्तान में पोलियो के मामले बढ़ते जा रहे हैं. और अधिकारियों ने इसका पूरा आरोप चीन से मंगवाए गए कथित नकली फिंगर मार्कर पर लगा दिया है.


पाकिस्तान में पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम इस कदर बदनाम हो चुका है कि इस साल अप्रैल में खैबर पख्तूनवा में तीन पोलियो कर्मचारियों की हत्या कर दी गई. क्योंकि सोशल मीडिया पर दावा किया गया था कि इसके वैक्सीनेशन के जरिए बच्चों को जहर दिया जा रहा था.


पाकिस्तान में पोलियो की बीमारी बरकरार


पाकिस्तान दुनिया के उन तीन देशों में शुमार है, जहां पोलियो की बीमारी अभी बरकरार है. उसके अलावा पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान और नाइजीरिया भी इसमें शामिल है. हालांकि इस बीमारी से पोलियो के टीके के जरिए लड़ा जा रहा है. लेकिन इस साल जिस तरह से इस बीमारियों के मामले बढ़े हैं, वो स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए चिंता का सबब हैं.


'चीन के मार्कर की घटिया क्वॉलिटी'


WHO यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने केवल भारत और चीन को पोलियो मार्कर के उत्पादन के लिए अधिकृत किया है. ऐसे में चीन के मार्कर की घटिया क्वॉलिटी को देखते हुए पाकिस्तान के पास अब भारत से इसे आयात करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.


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पाकिस्तान पता नहीं इसे कब समझेगा कि उसके लाख गुनाह सहकर भी जिस भारत ने उसे MFN यानी मोस्ट फेवर्ड नेशन के तौर पर व्यापार की इजाजत दे रखी थी. लेकिन इसके बदले भारत में कत्लेआम मचाने की हसरत रखने वाले पाकिस्तान ने भारत को पुलवामा अटैक जैसा जख्म दिया. जिसके बाद फरवरी में भारत ने पाकिस्तान पर सख्त एक्शन लेते हुए, उससे MFN का दर्जा वापस ले लिया था. कश्मीर के मुद्दे पर भारत से हर तरह के संबंध खत्म करने की मुनादी करने वाला पाकिस्तान आज घुटनो के बल चल कर भारत के पास मदद मांगने आया है.


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