नई दिल्लीः पाकिस्तान ने खुद को धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने वाले देशों की सूची में डाले जाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. पाकिस्तान ने अमेरिका के इस कदम को खारिज कर दिया है और कहा है कि देशों को इस सूची में डालने की प्रक्रिया मनमानी और संदेहास्पद है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा, "पाकिस्तान इस एकतरफा और मनमाने कदम को खारिज करता है. ये घोषणा ना सिर्फ जमीनी हकीकत से दूर है बल्कि इस पूरी कवायद की विश्वसनीयता और पारदर्शिता पर सवाल खड़े करती है".
पाक में है ईशनिंदा कानून
पिछले सप्ताह, एक रिपोर्ट में अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को उन देशों की सूची में शामिल कर लिया था जहां अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को अपने धर्म के अनुसार चलने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. पाकिस्तान को अपने उन कानूनों के लिए आलोचना झेलनी पड़ती है जिनका शिकार अकसर अल्पसंख्यक समुदाय के लोग बनते हैं. इनमें ईशनिंदा कानून भी शामिल है जिसमें इस्लाम धर्म या उसके पैगंबर का अपमान करने पर मौत की सजा हो सकती है. दस साल तक जेल में रहने वाली एक पाकिस्तानी ईसाई महिला के खिलाफ लगे ईशनिंदा के पिछले साल आरोप झूठे साबित हुए.
इस सूची में नाम आना मनमानाः पाकिस्तान
पाकिस्तान को इस बात के लिए भी आलोचना का सामना करना पड़ता है कि वहां मुस्लिम पुरुषों से शादी कराने के लिए ईसाई और हिन्दू लड़कियों का जबरन धर्म परिवर्तन करवाया जाता है. सरकार और न्यायपालिका भी कट्टरपंथी इस्लामिक समूहों की प्रतिक्रिया से डर कर इस चलन को नजरअंदाज कर देते हैं. लेकिन, पाकिस्तान के वक्तव्य में कहा गया कि उसका नाम सूची में डालने से "मनमाने तरीके से देशों को निशाना बनाने" की प्रक्रिया उजागर हुई है और यह धार्मिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने की कोशिशों में मददगार साबित नहीं होगा.
भारत का नाम क्यों नहीं है, जताई नाराजगी
पाकिस्तान की नाराजगी इस बात पर भी है कि इस सूची में भारत का नाम नहीं है, जबकि वहां हाल में लाखों लोग सरकार के एक ऐसे नए कानून के खिलाफ विरोध कर रहे हैं जिसे मुसलमानों के प्रति भेदभावपूर्ण माना जा रहा है. पाकिस्तान का कहना है, धार्मिक स्वतंत्रता का सबसे ज्यादा उल्लंघन करने वाले देश भारत का नाम सूची में नहीं शामिल करने से इस प्रक्रिया का पक्षपात और भी स्पष्ट हो जाता है. पाकिस्तान के अलावा अमेरिकी लिस्ट में चीन, सऊदी अरब, इरिट्रिया, ईरान, म्यांमार, उत्तर कोरिया, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के नाम शामिल हैं.
ईसा मसीह के इंडिया कनेक्शन पर पर्दा डालता है साम्राज्यवादी चर्च