नई दिल्ली.  पाकिस्तान की सेना अब इमरान के काबू में नहीं रही. वैसे तो कोरोना के आने के बाद इमरान के हाथ में अब कुछ भी नहीं रहा, ऊपर से कोरोना ने पाकिस्तानी सेना को दे दिया इमरान खान पर गुस्सा निकालने का मौका जो इमरान खान पर इतना भारी पड़ सकता है कि उनकी गद्दी उनके हाथ से निकल सकती है. 


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कोरोना नियंत्रण में असफलता से नाराज़ है आर्मी 


पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान कोरोना महामारी का नियंत्रण करने में पूरी तरह नाकाम रहे हैं. अब यह वायरस इमरान खान के लिए मुसीबत का सबब बन गया है जो कि उनके तख्ते ताउस को डगमगा रहा है. पाकिस्तान आर्मी का आरोप है कि इमरान खान कोरोना से मुल्क की आवाम को बचाने में नाकाम रहे हैं और आर्मी के इस गुस्से के कारण इमरान खान ने अपनी कुर्सी के हत्थों को कस कर पकड़ लिया है क्योंकि उनको भी लग रहा है कि उनकी कुर्सी कभी भी जा सकती है. 


शुरुआत हुई लॉकडाउन पलटने के ऐलान के साथ 


पिछले महीने 22 मार्च को पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने देश में लॉकडाउन लगाने से इंकार कर दिया था और कहा था कि देश के लाखों लोगों की नौकरियाँ चली जाएंगी. लेकिन उसके अगले ही दिन सेना ने कमान अपने हाथ में ले ली और पकिस्तान में लॉकडाउन का ऐलान कर दिया.   


 



 


कोरोना से इमरान खान नहीं सेना निपट रही है 


पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल बाजवा ने ने लॉकडाउन का ऐलान किया और देश भर में सेना की तैनाती कर दी और इसके साथ ही 23 मार्च से ही अपरोक्ष रूप से पाकिस्तान की सेना ने सत्ता अपने हाथ में ले ली और सेना राष्ट्रीय कोर समिति के माध्यम से कोविड-19 से निपटने के लिए उपायों पर दिशा-निर्देश जारी करने लग गई.   सेना ने कहा कि कोरोना से निपटने में नाकाम इमरान सरकार ने कोरोना से जंग में एक बड़ा गैप बना दिया जिसे भरने की जरूरत थी और अब इस काम को सेना ने सम्हाल लिया है.


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