नई दिल्ली: ईसाई देश अर्मेनिया और मुस्लिम देश अजरबैजान (Armenia and Azerbaijan) के बीच संघर्ष में तुर्की और पाकिस्तान खुलकर उतर आए हैं. पाकिस्तान ने जहां अपनी सेना अजरबैजान को भेजी है. वहीं तुर्की के साथ मिलकर सीरिया और लीबिया से आतंकवादी भी वहां भेज रहा है. तुर्की और पाकिस्तान की इन करतूतों से विश्वयुद्ध भड़कने का खतरा है.  


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पाकिस्तान ने अपने सैनिक उतारे


अर्मेनिया और अजरबैजान के बीच नागोर्नो-काराबाख (Nagorno-Karabakh) को लेकर जारी जंग में पाकिस्तान ने नापाक हरकत शुरु कर दी है. एक स्थानीय टेलीफोनिक बातचीत से यह खुलासा हुआ है कि इस लड़ाई में अजरबैजान की तरफ से पाकिस्तानी सेना (Pakistani Army) भी शामिल है. 



अर्मेनिया के साथ छिड़ी जंग में अजरबैजान का साथ देने के लिए पाकिस्तान ने अपने जवानों को उतार दिया है. ये सनसनीखेज खुलासा वहां पर एक फोन रिकॉर्डिंग से हुआ है. इस बातचीत को फ्री न्‍यूज एएम नाम की एक मीडिया वेबसाइट ने पोस्‍ट किया है. जिसमें अजरबैजान के दो लोगों आपस में बातें कर रहे हैं. जिसमें से एक आदमी बताता है कि यहां पर पाकिस्तान के जवान इकट्ठा हो रहे हैं. 


सवाल जवाब के बीच एक आदमी कहता है कि यदि गोलियां चलें तो दूसरी किसी जगह पर चले जाना. 
जिसपर दूसरा आदमी जवाब देता है कि हां, अगदम की तरफ. उन्‍होंने (अजरबैजान ने) वहां पर पाकिस्‍तानी जवानों को एकत्रित किया है और वो उन्‍हें अगदम की तरफ लेकर जा रहे हैं. 


आतंकियों को बनाया हथियार
तुर्की और पाकिस्तान आग से खेलने की कोशिश कर रहे हैं. वह सीरिया में लड़ रहे आतंकियोंको अर्मेनिया के युद्ध क्षेत्र नागोरनो-काराबाख भेज रहे हैं. 'किलिंग मशीन' के नाम से पहचाने जाने वाले इन आतंकियों को मुस्लिम देश अजरबैजान के पक्ष में और ईसाई देश अर्मेनिया के खिलाफ उतारा जा रहा है. खबरों के मुताबिक भारी हथियारों से लैस इन आतंकियों को 22 सितंबर के बाद से तुर्की के रास्ते लगातार अजरबैजान की राजधानी बाकू पहुंचाया जा रहा है. अभी तक 1000 आतंकी पहुंचाए जा चुके हैं. जिन्हें तुर्की 1500 से 2000 डॉलर की सैलरी भी दे रहा है. 


पाकिस्तान दे रहा है पूरा साथ 
भले ही पाकिस्तान अपने देश में भुखमरी का शिकार हो रहा है. लेकिन ईसाई देश अर्मेनिया और मुस्लिम देश अजरबैजान की जंग में वह बढ़ चढ़कर तुर्की का साथ दे रहा है. 


 
पाकिस्तान ने अपने सैनिक तो भेजे ही हैं. पाकिस्‍तानी सोशल मीडिया में अजरबैजान के समर्थन में जमकर पोस्‍ट किए जा रहे हैं. सीरिया और लीबिया के आतंकियों को युद्धक्षेत्र में भेजने के लिए भी पाकिस्तान भारी मदद कर रहा है. 
लेकिन तुर्की और पाकिस्तान जैसे मूर्ख देश यह भूल रहे हैं कि अर्मेनिया का रूस से रक्षा संबंध है. इसाई देश अर्मेनिया की रक्षा के लिए अगर रूस की सेना उतर आई तो इन दोनों को लेने के देने पड़ जाएंगे. इससे दुनिया में तीसरा विश्वयुद्ध शुरु होने का भी खतरा है. 


दोनों देशों के बीच भारी जंग


अजरबैजान और अर्मेनिया पिछले कुछ दिनों से नागोर्नो-काराबाख को लेकर आमने-सामने हैं. अर्मेनिया का दावा है कि उसने इस युद्ध में अब तक अजरबैजान के 22 टैंकों और ड्रोन को नष्ट कर दिया है. जंग में अब तक दोनों देशों के दो दर्जन से ज्यादा लोग मारे गए हैं और  सैकड़ों जख्मी भी हुए हैं.


दो देशों के बीच जारी युद्ध के अब तेजी से फैलने की आशंका जताई जा रही है. वहीं, संयुक्त राष्ट्र अमेरिका (America) और रूस (Russia) ने अर्मेनिया और अजरबैजान से युद्ध विराम की अपील की है, लेकिन इसके बावजूद युद्ध लगातार जारी है.


दोनों देशों के बीच नागोर्नो-कारबाख क्षेत्र के 4400 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को लेकर विवाद है. इसे अजरबैजान का हिस्सा माना जाता है, लेकिन फिलहाल यहां अर्मेनिया का कब्जा है.  इसी बात को लेकर दोनों देश लड़ाई कर रहे हैं. इस युद्ध में तुर्की (Turkey) ने अजरबैजान के समर्थन में मोर्चा खोल दिया है. अर्मेनिया ने आरोप लगाया है कि तुर्की के एक फाइटर जेट ने उसके युद्धक विमान को मार गिराया. अर्मेनियाई रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि ‘हमारे एयरस्पेस में तुर्की के F-16 फाइटर जेट ने हमारे सुखोई SU-25 को मार गिराया है’. 


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