हमास और हिजबुल्लाह तो कुछ भी नहीं... ये हैं दुनिया के 5 सबसे खतरनाक आतंकी संगठन!
Terrorist Organizations: हमास और हिजबुल्ला इजराइल के टारगेट पर हैं. बीते एक-दो दिन में इन संगठनों के कुछ प्रमुख लोगों को मर दिया गया है. इसके बाद से आतंकी संगठनों की ताकत को लेकर एक बार फिर चर्चा छिड़ गई है. कई संगठन ऐसे हैं, जो हमास और हिजबुल्ला से भी ज्यादा ताकत रखते हैं.
बोको हराम
बोको हराम दुनिया का सबसे खूंखार आतंवादी संगठन माना जाता है. इस संगठन का पूरा नाम है जमाते एहली सुन्ना लिदावति वल जिहाद है. इसकी स्थापना साल 2002 में उत्तर-पूर्वी नाइजीरिया के मैडुगुरी शहर में मुहम्मद यूसुफ ने की थी. यह साल 2009 तक काफी ताकतवर हो गया था. नाइजीरिया में 18 करोड़ की आबादी है, यहां के मुस्लिम बहुल इलाकों में बोको हराम को समर्थन मिलता रहा है.
इस्लामिक स्टेट
ISIS दुनिया के सबसे अमीर आतंकी संगठनों में से एक है. इसका सालाना बजट 2 अरब डॉलर का है. इसका मकसद पूरी दुनिया में शरिया आधारित शासन लाना है. एक समय ऐसा था जब ISIS ने पश्चमी सीरिया और उत्तरी इराक पर कब्जा जमाकर सरकार बना ली थी. हालांकि फिर अमेरिका ने इसका खात्मा कर दिया था. लेकिन अब ये संगठन नए सिरे से खुद को स्थापित करने में लगा हुआ है. अफगानिस्तान में अब भी ये सक्रिय है.
तालिबान
तालिबान ऐसा आतंकी संगठन है, जो बीते कुछ सालों में मजबूती से उभरा है. इसने अफगानिस्तान में सरकार भी बना ली है. कई इस्लामिक कानूनों को लागू कर वहां के लोगों की स्वतंत्रता को छीन लिया है. ये 1996 में भी अफगान में सरकार बना चुका, लेकिन तब अमेरिका ने 2001 में इसे हटाया था. लेकिन अब यह फिर से सत्ता पर काबिज है. हजारों लोगों को मारकर तालिबान ने अफगानिस्तान की गद्दी पाई थी.
हक्कानी नेटवर्क
हक्कानी नेटवर्क अफगानिस्तान में तालिबान के साथ मिलकर सरकार चला रहा है. साल 2021 में इसने काबुल के कई धमाके किए, जिनमें हजारों लोग मारे गए थे. ऐसा माना जाता है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI नेI इसकी स्थापना की थी. हालांकि, इस दावे की कोई पुष्टि नहीं कर सकता.
लश्कर-ए-तैयबा
यह दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा आतंकी संगठन है. इसकी स्थापना हाफिज सईद ने की थी. यह पाकिस्तान से ऑपरेट होता है. लश्कर-ए-तैयबा ने भारत में कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया है, जिसमें सैंकड़ों लोगों की जान गई है. ये कई सह-संगठन भी खड़े कर चुका है. शुरुआत में इसका उद्येश्य अफगानिस्तान से सोवियत शासन को हटाना था. लेकिन अब यह कश्मीर से भारत का शासन हटाना चाहता है.