नई दिल्लीः साउथ अमेरिका महाद्वीप के एक बड़े देश ब्राजील (Brazil) से चौंका देने वाली खबर सामने आई है. यहां के त्रिनडेड आइलैंड पर वैज्ञानिकों को प्लास्टिक के पत्थर मिले हैं. प्लास्टिक के इन पत्थरों के मिलने के बाद वैज्ञानिकों ने इसके ऊपर अपनी रिसर्च प्रक्रिया शुरू कर दी है.
इस मामले में अभी तक जो जांच निकलकर सामने आई है. उसके तहत वैज्ञानिकों ने इसे मानव जन-जीवन के लिए काफी खतरनाक बताया है. साथ ही इसके उत्पन्न होने का मुख्य कारण मानवों की ओर से फैलाई जा रही गंदगी और प्रदूषण को ठहराया है.
वैज्ञानिकों ने प्लास्टिग्लोमरेट दिया नाम
वैज्ञानिकों ने प्लास्टिक से बने इन पत्थरों का नाम प्लास्टिग्लोमरेट दिया है. उनका कहना है कि दरअसल इस तरह के पत्थरों का निर्माण प्लास्टिक, रेत और अन्य प्रदूषित पदार्थों के आपस में मिलने से होता है. मानव की ओर फेंकी गई प्लास्टिक जब जमीन के अंदर जाती है तो वह पिघलना शुरू कर देती है. ऐसे में ये पिघली हुई प्लास्टिक आस-पास मौजूद पत्थरों के साथ मिलकर एक नए आकार में बदल जाती है. इसलिए इनका नाम प्लास्टिग्लोमरेट पड़ा है. इसके बनने की मुख्य वजह मानव की ओर से फैलाए जा रहे प्रदूषण और गंदगी है.
फिशिंग जाल की वजह से बना प्लास्टिग्लोमरेट
वैज्ञानिकों की मानें तो आईलैंड के बीच पर इस तरह के पत्थरों का निर्माण फिशिंग के जाल और अन्य गंदगी की वजह से हुआ है. यहां पर उपस्थित प्लास्टिक पिघलकर पत्थरों के साथ मिल गई है और सूखकर पत्थर के आकार में बदल गई है. इससे जलीय जीवों समेत अन्य जानवरों की जिंदगी प्रभावित हो रही है.
कहां मिले प्लास्टिक के पत्थर
बता दें कि ब्राजील के जिस त्रिनडेड आइलैंड पर प्लास्टिक के ये पत्थर पाए गए हैं. वह स्थान ब्राजील के मेनलैंड से करीब 1100 किलोमीटर दूर है. ब्राजील के त्रिनडेड आइलैंड का भूगोल लंबे समय से वैज्ञानिकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है. क्योंकि यह एक ज्वालामुखीय द्वीप है.
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.