नई दिल्ली: नेपाल में सबसे बड़ी कुर्सी को लेकर सियासी ड्रामा सातवें आसमान पर है. जहां, ओली खेमा कुर्सी बचाने की जंग लड़ रहा है तो वहीं प्रचंड खेमा वादाखिलाफी करने के विरोध में ओली को सबक सिखाना चाहती है. इस बीच ओली क नाम के आगे पूर्व PM लगाने के लिए तैयारियां जोरो पर है.


देउवा और ओली के बीच मुलाकात हुई, क्या बात हुई?


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ये अहम सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि बीती रात गुपचुप तरीके से विपक्षी दल 'नेपाली कांग्रेस' के अध्यक्ष और पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउवा और पीएम केपी ओली के बीच मुलाकात हुई. इस मुलाकात को काफी गोपनीय रखा गया, जिसके सियासी मायने काफी अधिक हैं. आप इस बात को समझिए कि पीएम ओली ने नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी को ये साफ संदेश दे दिया है कि विभाजन होगा.


1 जुलाई की रात भी हुई थी देउवा और ओली की मुलाकात


आपको बता दें कि बीते 1 जुलाई की रात भी इन दोनों नेताओं (ओली और देउवा) बीच भी मुलाकात और लंबी बातचीत हुई थी. इसी मुलाकात में मिले आश्वासन के बाद नेपाली पीएम ‌ओली ने संसद सत्र को स्थगित करने और दल विभाजन का अध्यादेश लाने की बात कही थी. 


आपका बता दें, दो दिन पहले ही नेपाली कांग्रेस के उपाध्यक्ष बिमलेन्द्र निधि ने भी इस बात का संकेत दिया था कि कम्युनिस्ट पार्टी में विभाजन होने पर उनकी पार्टी यानी नेपाली कांग्रेस ओली सरकार का समर्थन कर सकती है.


बामदेव गौतम के घर ओली समर्थक नेताओं की लंबी बैठक


बीती रात को ही विरोधी खेमे में रहे कम्युनिस्ट पार्टी के उपाध्यक्ष बामदेव गौतम के घर ओली समर्थक नेताओं ने 7 घंटे तक बैठक की. बामदेव को इस बैठक के दौरान कई पद और अन्य चीजों का लालच भी दिया गया, लेकिन उन्होंने इसके लिए साफ इंकार कर दिया और ओली को धोखेबाज बताया.


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