नई दिल्लीः द गार्जियन ने भारत और पाकिस्तान के कुछ खुफिया कर्मचारियों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत ने पाकिस्तान में आतंकियों की टारगेटेड किलिंग करवाई. हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे 'झूठा और दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी प्रचार'बताया. मंत्रालय ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के पिछले खंडन पर जोर दिया कि अन्य देशों में टारगेटेड किलिंग 'भारत सरकार की नीति के अनुरूप नहीं थीं.'


2019 के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए किए ऑपरेशनः रिपोर्ट


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दरअसल ब्रिटिश अखबार द गार्जियन ने गुरुवार को एक रिपोर्ट में दावा किया कि उसके पास कुछ दस्तावेज हैं जो 'इस बात पर प्रकाश डालते हैं कि कैसे भारत की विदेशी खुफिया एजेंसी ने कथित तौर पर विदेशों में व्यक्तियों को खत्म करने के लिए ऑपरेशन चलाए.' रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने '2019 के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए साहसी दृष्टिकोण अपनाते हुए' ये ऑपरेशन किए.


'2020 के बाद से करीब 20 हत्याओं से जुड़े हैं ताजा दावे'


रिपोर्ट के मुताबिक, ताजा दावे 2020 के बाद से लगभग 20 हत्याओं से संबंधित हैं, जिन्हें पाकिस्तान में अज्ञात बंदूकधारियों ने अंजाम दिया. रिपोर्ट में कहा गया है, 'हालांकि भारत अनौपचारिक रूप से मौतों से जोड़ा गया है. यह पहली बार है कि भारतीय खुफिया कर्मियों ने पाकिस्तान में कथित अभियानों पर चर्चा की है और दस्तावेज में इन हत्याओं में रॉ की प्रत्यक्ष संलिप्तता का आरोप लगाया गया है.'


साल 2023 में पाकिस्तान में मुहम्मद रियाज और शाहिद लतीफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी तो इस्लामाबाद ने इन हत्याओं के पीछे भारत की खुफिया एजेंसी का हाथ होने का आरोप लगाया था. उस समय नई दिल्ली ने तुरंत आरोपों को खारिज कर दिया था और इसे 'दुर्भावनापूर्ण भारत विरोधी प्रचार' करार दिया था.


लंदन के अखबार ने पाकिस्तानी जांचकर्ताओं की ओर से साझा किए गए ब्‍योरे का हवाला देते हुए कहा कि 'ये मौतें भारतीय खुफिया स्लीपर सेल द्वारा कराई गईं, जो ज्यादातर संयुक्त अरब अमीरात से संचालित होती थीं.'


'पुलवामा हमले के बाद बदला नजरिया'


रिपोर्ट में दो भारतीय खुफिया अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि जासूसी एजेंसी की कार्रवाई 2019 में पुलवामा हमले से शुरू हुई थी, जिसे पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने अंजाम दिया था. रिपोर्ट यह भी कहती है, 'पुलवामा हादसे के बाद देश के बाहर के तत्वों को हमला करने या कोई गड़बड़ी पैदा करने से पहले निशाना बनाने के लिए दृष्टिकोण बदला गया.'


रिपोर्ट में एक भारतीय खुफिया ऑपरेटर के हवाले से कहा गया है, 'हम हमलों को रोक नहीं सके, क्योंकि उनके सुरक्षित ठिकाने पाकिस्तान में थे, इसलिए हमें स्रोत तक पहुंचना पड़ा.'


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