नई दिल्ली: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ऋषि सुनक चुनाव प्रचार मुहिम के कारण अत्यधिक व्यस्तता के बीच समय निकालकर जन्माष्टमी मनाने के लिए लंदन के बाहरी इलाके में स्थित हरे कृष्ण मंदिर गए. सुनक (42) ने 'हाउस ऑफ कॉमन्स' का सदस्य बनने पर 'भगवद्गीता' के नाम पर शपथ ग्रहण की थी.


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भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में लीन दिखे सुनक
उन्होंने कई बार कहा है कि हिंदू धर्म में आस्था से उन्हें ताकत मिलती है. सुनक ने अपनी पत्नी अक्षता मूर्ति के साथ हर्टफोर्डशायर स्थित वाटफोर्ड में भक्तिवेदांत मनोर में गुरुवार को दर्शन किए. अक्षता इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति एवं लेखिका-परोपकारी सुधा मूर्ति की बेटी हैं.


सुनक ने प्रार्थना करते हुए अपनी और अपनी पत्नी की तस्वीर ट्वीट की और लिखा कि वह अपनी पत्नी अक्षता के साथ जन्माष्टमी से पहले भक्तिवेदांत मनोर मंदिर में यह त्योहार मनाने गए.



भक्तिवेदांत मनोर ब्रिटेन में 'इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ कृष्णा कॉन्शियसनेस' (इस्कॉन) के प्रमुख केंद्रों में से एक है, जिसे बीटल्स संगीतकार जॉर्ज हैरिसन ने दान किया था.


ऋषि सुनक का स्वागत करते हुए किसे खुशी हुई?
टोरी के नेतृत्व की दौड़ में सुनक का समर्थन कर रहे कंजर्वेटिव पार्टी के नेता एवं हर्ट्समेरे से सांसद ओलिवर डोडेन ने कहा, 'भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाने वाले हिंदू त्योहार जन्माष्टमी के लिए हर्ट्समेरे के भक्तिवेदांत मनोर मंदिर में आज ऋषि सुनक का स्वागत करते हुए खुशी हो रही है. हर्ट्समेरे में सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं.'


चिकित्सक यशवीर और फार्मासिस्ट ऊषा सुनक के पुत्र ऋषि सुनक का जन्म ब्रिटेन में हुआ. वह हिंदू धर्म में आस्था रखते हैं और ब्रिटेन में भारतीय मूल के पहले चांसलर के रूप में 11 डाउनिंग स्ट्रीट के बाहर दीपावली पर दीये जलाने को अपने जीवन के 'सबसे गौरवपूर्ण क्षणों' में से एक मानते हैं.


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