मॉस्को: रूस ने ‘जैसे को तैसा’ कार्रवाई के तहत जर्मनी के दो राजनयिक को देश छोड़ने का हुक्म दिया है. इससे पहले जर्मनी ने अपने देश से रूस के दो राजनयिकों को निकाल दिया था. जर्मनी ने यह कार्रवाई बर्लिन की एक अदालत के फैसले के बाद की थी. 


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मॉस्को ने फैसले पर जताई थी नाराजगी
अदालत ने कहा था कि बर्लिन में दो साल पहले चेचन व्यक्ति की हत्या के लिए मॉस्को जिम्मेदार है. मॉस्को ने बर्लिन की अदालत के फैसले पर नाराजगी जताते हुए इसे खारिज कर दिया था और रूस के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को जर्मनी के राजदूत को तलब किया था, ताकि उन्हें राजनयिकों को निष्कासित किए जाने के बारे में जानकारी दी जा सके. 


'टकराव के कदमों का जवाब देने से नहीं हिचकिचाएंगे'
मंत्रालय ने इसे जर्मनी की सरकार की तरफ से नाखुशगवार फैसलों की प्रतिक्रिया बताया. मंत्रालय ने चेताया कि रूस बर्लिन की ओर से उठाए जाने वाले किसी भी संभावित टकराव वाले कदम का जवाब देने से हिचकिचाएगा नहीं. 


बर्लिन की क्षेत्रीय अदालत के न्यायाधीशों ने बुधवार को 56 वर्षीय वादिम क्रैसिकोव को जेलीमखान ‘तोरनिके’ खानगोशविली की हत्या करने का दोषी पाया था. 40 वर्षीय खानगोशविली चेचन नस्ल के जॉर्जियाई नागरिक थे. अदालत ने कहा कि क्रैसिकोव ने रूसी संघीय अधिकारियों के आदेश पर काम किया. अदालत के निर्णय के बाद जर्मनी ने रूस के दो राजनयिकों को देश से निकाल दिया था.


हालांकि, अभी यह साफ नहीं है कि दोनों राजनयिकों को कब तक रूस छोड़कर जर्मनी लौटना होगा. राजनयिकों को इस तरह निकालना दोनों देशों के संबंधों में टकराव पैदा कर सकता है.


बता दें कि 23 अगस्त, 2019 को बर्लिन के क्लेनर टियरगार्टन पार्क में खानगोशविली की हत्या की गई थी, जिसके पीछे रूस का हाथ पाए जाने का आरोप था. इस घटना के बाद पूरे बर्लिन में रूसी राजनयिकों के खिलाफ आक्रोश फैल गया था. 


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