Gabriel Boric: खत्म होते वामपंथ के नए नायक, 35 की उम्र में इस देश के राष्ट्रपति बने

वामपंथी उम्मीदवार गैब्रियल बोरिक को 55.87 फीसदी वोट मिले, जबकि प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार जोस एंटोनियो कास्ट को 44.13 फीसदी वोट मिले. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 20, 2021, 01:59 PM IST
  • जानिए गैब्रियल बोरिक के बारे में
  • चिली के सबसे युवा राष्ट्रपति बने
Gabriel Boric: खत्म होते वामपंथ के नए नायक, 35 की उम्र में इस देश के राष्ट्रपति बने

सेंटियागो: वामपंथी नेता गैब्रियल बोरिक (Gabriel Boric) स्टूडेंट लीडर से चिली के सबसे युवा राष्ट्रपति बन गए हैं. उन्होंने महज 35 साल की उम्र में चिली के राष्ट्रपति का पद संभाला. दुनियाभर में खत्म होते वामपंथ के लिए बोरिक का राष्ट्रपति बनना किसी संजीवनी की तरह है.

वह पूर्व राष्ट्रपति सल्वादोर अलांदे के बाद सबसे उदार नेता हैं, जो इस पद पर पहुंचे हैं. 

बोरिक को मिले 55.87 फीसदी वोट 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें 55.87 फीसदी वोट मिले, जबकि प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार जोस एंटोनियो कास्ट को 44.13 फीसदी वोट मिले. कास्ट ने ट्विटर पर लिखा, 'मैंने उन्हें उनकी महान जीत पर बधाई दी. आज से, वह चिली के निर्वाचित राष्ट्रपति हैं सभी सम्मान और रचनात्मक सहयोग के पात्र हैं.' कास्ट ने 21 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव के पहले दौर में 27.9 प्रतिशत मतों और 1,46, 000 से अधिक मतों के अंतर के साथ जीत हासिल की थी. 

निवर्तमान राष्ट्रपति ने बोरिक को दी बधाई
निवर्तमान राष्ट्रपति सेबेस्टियन पिनेरा ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के साथ फोन पर बातचीत में कहा कि उन्हें यकीन है कि बोरिक खुद का सर्वश्रेष्ठ देंगे. पिनेरा ने कहा, हम सभी उम्मीद करते हैं कि आप चिली के लिए एक बहुत अच्छी सरकार बनाएंगे.

80 लाख से अधिक ने किया मतदान
राष्ट्रपति ने कहा कि चुनाव में 80 लाख से अधिक लोगों ने मतदान किया, जो देश के इतिहास में सबसे अधिक संख्या में से एक है. इस चुनाव के लिए कुल 15,030,974 मतदाताओं में से 14,959,956 लोग मतदान करने के पात्र हैं, जबकि विदेश में 71,018 लोग पंजीकृत हैं.

कौन हैं गैब्रियल बोरिक
गैब्रियल बोरिक का जन्म और परवरिश चिली के सबसे दक्षिणी क्षेत्र मैगलानेस (Magallanes) में हुआ. वह जब हाईस्कूल में थे, तबसे उन्होंने छात्रहितों के लिए लड़ना शुरू किया था. साल 2011 में वह चिली यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट यूनियन के प्रेजिडेंट बने थे. उन्होंने कभी अपनी डिग्री पूरी नहीं की.

उन्होंने साल 2013 में चिली कांग्रेस का चुनाव जीता और डिप्टी के रूप में दो कार्यकाल पूरे किए. इसके बाद चिली के दो मुख्य गठबंधनों के बाहर एक राजनीतिक दल का प्रतिनिधित्व करने वाले देश के पहले कांग्रेसियों में से एक बन गए. 

उन्होंने मैगलानेस से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव जीता. बोरिका का दावा है कि देश के सेंट्रिस्ट, जो अब तक सत्ता में थे, उनके पास देश में व्याप्त असमानता को दूर करने की हिम्मत नहीं थी. 

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