वाशिंगटन: इराक के पूर्व तानाशाह सद्दाम हुसैन और अलकायदा के नेता ओसामा बिन लादेन को लेकर अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई ने बड़ा खुलासा किया है. एफबीआई के पूर्व एजेंट ने कहा, 'सद्दाम ने मुझसे कहा कि वह ओसामा बिन लादेन को पसंद नहीं करता.'


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क्यों नापसंद था ओसामा
इराकी तानाशाह के एफबीआई पूछताछकर्ता में सद्दाम हुसैन ने अल-कायदा नेता ओसामा बिन लादेन के बारे में पूछे जाने पर कहा, 'आप इस तरह दाढ़ी वाले किसी पर भरोसा नहीं कर सकते'. जॉर्ज पीरो - एक लेबनानी-अमेरिकी विशेष एजेंट हैं. उन्होंने इराकी तानाशाह से पूछताछ करने के लिए दिन में कई घंटे बिताए - ने कहा कि सद्दाम ने उसके साथ मजाक किया क्योंकि उसने तानाशाह के आतंकी नेटवर्क से संबंध स्थापित करने की कोशिश की थी. 


'सद्दाम ने मुझे बताया कि वह ओसामा बिन लादेन को पसंद नहीं करता था और वह अल-कायदा की विचारधारा में विश्वास नहीं करता था क्योंकि इसका उद्देश्य अरब दुनिया भर में एक इस्लामिक राज्य बनाना था


सद्दाम ने बोला था ये बड़ा झूठ
लेकिन यह पता लगाने की कोशिश करते हुए कि क्या सद्दाम के पास सामूहिक विनाश के हथियार थे, पीरो ने कहा कि उसने पाया कि उसके पास आतंकवादी समूह के लिए अवमानना ​​के अलावा कुछ नहीं था.जॉर्ज पीरो ने कहा कि सद्दाम ने पूर्वी पड़ोसी ईरान को हतोत्साहित करने के लिए जनसंहारक हथियारों के बारे में झूठ बोला. 2004 में इराक में अमेरिकी सैनिकों द्वारा सद्दाम हुसैन के पकड़े जाने के बाद पीरो सद्दाम हुसैन की पूछताछ टीम का प्रमुख पूछताछकर्ता था.अब सेवानिवृत्त एफबीआई एजेंट ने यह भी कहा कि सद्दाम ने जनसंहारक हथियारों के बारे में झूठ बोला क्योंकि वह इराक के पड़ोसी और दुश्मन ईरान को डराना चाहता था.


अमेरिका नहीं ये देश था सद्दाम का दुश्मन
उन्होंने कहा कि सद्दाम ने यह विचार रखा क्योंकि उनकी 'सत्ता सौंपने या किसी और को कुछ देने की कोई इच्छा नहीं थी.'पूछताछ के लंबे सत्र के दौरान, पीरो ने कहा कि 'उनका सबसे बड़ा दुश्मन संयुक्त राज्य अमेरिका या इज़राइल नहीं था. उसका सबसे बड़ा दुश्मन ईरान था, और उसने मुझे बताया कि वह लगातार ईरान के साथ संतुलन या प्रतिस्पर्धा करने की कोशिश कर रहा था,' 'सद्दाम का सबसे बड़ा डर यह था कि अगर ईरान को पता चल गया कि इराक कितना कमजोर और कमजोर हो गया है, तो उन्हें दक्षिणी इराक पर हमला करने और लेने से कोई नहीं रोक पाएगा. इसलिए उसका लक्ष्य ईरान को खाड़ी में रखना था.'


पीरो ने कहा कि वह सद्दाम को यह स्वीकार करने के लिए घंटे-लंबे पूछताछ सत्र का उपयोग करने में सक्षम था कि अगर अमेरिका ने देश के खिलाफ प्रतिबंधों को हटा दिया होता तो वह एक डब्ल्यूएमडी कार्यक्रम (Weapon of mass destruction) का पुनर्निर्माण करता. 'मैंने सद्दाम से पूछा: 'जब प्रतिबंध हटा दिए गए थे, तो आप क्या करने जा रहे थे?''.उन्होंने कहा: 'हम वह करने जा रहे थे जो हमें करने की आवश्यकता थी, या हमें अपनी रक्षा के लिए क्या करना होगा'. पीरो पिछले साल एफबीआई से सेवानिवृत्त होने के बाद अब इराकी नेता के साथ अपने सत्रों के बारे में एक किताब लिख रहे हैं.

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