लंदन: ब्रिटेन की एक अदालत ने सोमवार को फैसला दिया कि हथियारों के सौदों में आरोपी बिचौलिए संजय भंडारी को टैक्स चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े आरोपों का सामना करने के लिए भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है. भंडारी (60) के प्रत्यर्पण के लिए भारतीय अधिकारियों ने दो अनुरोध किए थे. पहला अनुरोध मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा था जबकि दूसरा टैक्स चोरी से संबंधित था.


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भंडारी के प्रत्यर्पण पर कोई रोक नहीं 


जिला न्यायाधीश माइकल स्नो ने इस साल की शुरुआत में लंदन की वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत में मामले की सुनवाई की थी. उन्होंने अपने फैसले में कहा कि भंडारी के प्रत्यर्पण पर कोई रोक नहीं है और उन्होंने इस मामले को ब्रिटिश गृह मंत्री सुएला ब्रेवरमैन को भेजने का फैसला किया जो अदालती फैसले के आधार पर प्रत्यर्पण का आदेश देने के लिए अधिकृत हैं.


मंत्री प्रीति पटेल ने जून 2020 में प्रमाणित किया था


अदालत ने भारत सरकार के इस आश्वासन के आधार पर यह आदेश सुनाया कि भंडारी को सुनवाई के दौरान नयी दिल्ली की तिहाड़ जेल में एक अलग कोठरी में संबंधित स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ रखा जाएगा. भंडारी के संबंध में भारत सरकार के प्रत्यर्पण अनुरोध को ब्रिटेन की तत्कालीन गृह मंत्री प्रीति पटेल ने जून 2020 में प्रमाणित किया था और उसी साल जुलाई महीने में भंडारी को प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार कर लिया गया था.


टैक्स चोरी का मामला


संजय भंडारी पर साल 2015 से 2017 के बीच जानबूझकर टैक्स में धोखाधड़ी करने के आरोप हैं. इस दौरान उन्होंने टैक्स रिटर्न में अपने विदेशी घरों और विदेशी आय के बारे में जानकारी छुपाई थी. जबकि उन्हें नियमों के मुताबिक इसकी जानकारी देनी चाहिए थी.


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