इस दिग्गज कंपनी में फिर होगी छंटनी, इस बार 11 हजार कर्मचारियों की छुट्टी की तैयारी
फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा अगले सप्ताह में सेकंड राउंड में अतिरिक्त छंटनी करने के लिए पूरी तरह तैयार है. बताया जा रहा है कि इस बार भी कंपनी पिछले साल की तरह 13 प्रतिशत यानी लगभग 11,000 के आसपास जॉब कट कर सकती है. इसके तहत गैर-इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के लोगों की नौकरी सबसे पहले जाने की आशंका है.
नई दिल्लीः फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा अगले सप्ताह में सेकंड राउंड में अतिरिक्त छंटनी करने के लिए पूरी तरह तैयार है. बताया जा रहा है कि इस बार भी कंपनी पिछले साल की तरह 13 प्रतिशत यानी लगभग 11,000 के आसपास जॉब कट कर सकती है. इसके तहत गैर-इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के लोगों की नौकरी सबसे पहले जाने की आशंका है.
कई राउंड की होगी छंटनी
द वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, मेटा प्लेटफॉर्म आने वाले महीनों में कई राउंड्स में अतिरिक्त छंटनी की घोषणा करने की योजना बना रहा है. रिपोर्ट में शुक्रवार देर रात कहा गया है कि यह मोटे तौर पर पिछले साल कर्मचारियों की संख्या में 13 फीसदी की कटौती के बराबर होगा.
कुछ प्रोजेक्ट हो सकते हैं बंद
रिपोर्ट में कहा गया है, कंपनी को इन कटौती के साथ कुछ परियोजनाओं और टीमों को बंद करने की भी उम्मीद है. नौकरी में कटौती के चलते मेटा के हार्डवेयर और मेटावर्स वर्टिकल के साथ-साथ रियलिटी लैब्स के परियोजनाएं प्रभावित होंगी, जिनका बजट इस समय अरबों डॉलर में है.
हालांकि, दूसरी तिमाही में अपेक्षित संचयी नौकरी में कटौती की अंतिम गणना अभी तक स्पष्ट नहीं है.
कंपनी कर रही है मूल्यांकन
मेटा के मुख्य वित्तीय अधिकारी सुसान ली ने गुरुवार को मॉर्गन स्टेनली सम्मेलन में कहा, हम ऐप और रियलिटी लैब्स दोनों के परिवार में कंपनी को देखना जारी रख रहे हैं, और वास्तव में मूल्यांकन कर रहे हैं कि क्या हम अपने संसाधनों को उच्चतम लाभ उठाने के अवसरों की ओर तैनात कर रहे हैं.
ली ने कहा, इसके चलते हमें कुछ स्थानों पर परियोजनाओं को बंद करने, कुछ टीमों से संसाधनों को स्थानांतरित करने के लिए कठोर निर्णय लेने होंगे. पिछले साल नवंबर में 11,000 कर्मचारियों को निकालने के बाद मेटा कर्मचारियों की संख्या को और कम करने की योजना बना रहा है.
कंपनी में हमने किया है बदलाव
कंपनी के संस्थापक और सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने कहा, मुझे लगता है कि हमने कंपनी के लिए कुछ हद तक बदलाव किया है. उन्होंने कहा कि वैश्विक कर्मचारियों की संख्या लगभग दो दशकों तक लगातार बढ़ती रही, जिससे दक्षता पर वास्तव में क्रैंक करना बहुत कठिन हो गया.
(इनपुटः आईएएनएस)
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